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Lok Sabha Election: पीलीभीत से चुनाव लड़ने को लेकर सामने आया वरुण गांधी का बयान, जानें क्या कहा

Lok Sabha Election: पीलीभीत से चुनाव नहीं लड़ेंगे वरुण गांधी, बोले- पार्टी ने मेरा साथ गलत व्यवहार किया.

Updated on: 27 Mar 2024, 04:35 PM

New Delhi:

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने दूसरी पार्टी से आए बागियों पर ज्यादा भरोसा जताया है. पार्टी की प्रत्याशियों की सूची में अन्य दलों से आए नेताओं को टिकट दिए गए हैं. वहीं बीजेपी के कई पूर्व सांसदों की टिकट काटी गई हैं. इन्हीं में से एक पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी भी शामिल हैं. वरुण गांधी को इस बार बीजेपी ने प्रत्याशियों में सूची में शामिल नहीं किया है लिहाजा इस पर सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस ने जहां इसे गांधी सरनेम होने के कारण भेदभाव बताया वहीं बीजेपी ने अपना ही तर्क दिया है. 

इन सबके बीच पीलीभीत से चुनाव लड़ने को लेकर वरुण गांधी का पहला रिएक्शन भी सामने आया है. वरुण गांधी ने बुधवार को अपना टिकट कटने से लेकर यहां से चुनाव लड़ने को लेकर प्रतिक्रिया दी है. 

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क्या बोले वरुण गांधी
बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने पीलीभीत से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगा दिया है. खास बात यह है कि उन्होंने साफ कर दिया है कि वह इस बार लोकसभा चुनाव ही नहीं लड़ेंगे. यही नहीं उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर भी विराम लगा दिया है. 
हालांकि उन्होंने यह कहा कि वह सुल्तानपुर से चुनावी मैदान में खड़ीं उनकी मां और बीजेपी नेता मेनका गांधी के लिए प्रचार जरूर करेंगे. 

वरुण गांधी ने साफ कहा कि बिना किसी भेदभाव के वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि मेरे ईमानदार योगदान के बाद भी मुझे टिकट नहीं दिया गया. बीजेपी में मेरा साथ भेदभाव हुआ है. मुझे उम्मीद नहीं थी कि पार्टी मेरे साथ ऐसा व्यवहार करेगी. 

1989 से मेनका और वरुम का गढ़ रहा पीलीभीत
पीलीभीत में 80 से दशक से ही मेनका गांधी और उनके बाद वरुण गांधी ने लगातार जीत दर्ज की है. ये कहना गलत नहीं होगा कि मां-बेटों का यह गढ़ रहा है. उन्होंने जनता दल के टिकट पर यहां से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. 1991 में हालांकि मेनका गांधी चुनाव हारीं लेकिन अगले चुनाव में यानी 1996 में उन्होंने जीत दर्ज की, इसके बाद 1998, 1999 और 2004 में भी उन्होंने यहां पर जीत का परचम लहराया. 

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इसके बाद वरुण गांधी की बारी आई. 2009 में उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की. इस दौरान मेनका गांधी ने सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा और जीता. 2014 में भी वरुण गांधी ने यहां से जीत दर्ज की और 2019 में भी जीत का सिलसिला जारी रहा. जबकि उनकी मां मेनका गांधी सुल्तान पुर से जीत का परचम लहरा रही हैं.