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मांझी की पार्टी का दावा- दूसरे दलों से आ रहे फोन लेकिन NDA के साथ रहेंगे

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के विधायक दल का नेता चुना गया है. हालांकि उन्होंने साफ कह दिया है कि इस बार वह मंत्री नहीं बनेंगे.  

Updated on: 13 Nov 2020, 09:37 AM

पटना:

​बिहार चुनाव के नतीजे ((Bihar Election Results 2020)) आने के बाद सरकार गठन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई. नतीजों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला है लेकिन महागठबंधन भी सरकार बनाने को लेकर संभावनाएं तलाश रहा है. इस बीच जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha-HAM) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने दावा किया है कि बिहार में अभी सियासी ड्रामा खत्म नहीं हुआ है. उन्होंनेक हा कि कई दलों से हमारे पास फोन आ रहे हैं. उन्हें गठबंधन के लिए प्रस्ताव दिए जा रहे हैं लेकिन हम किसी भी कीमत पर एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे.  

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दानिश रिजवान ने दावा किया कि हमारे पास गठबंधन को लेकर कई लोगों के फोन आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमने एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. ऐसे में किसी भी कीमत पर एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि इस बात को खुद हमारे नेता जीतन राम मांझी भी कह चुके हैं कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में चुनाव में थी, हम उनके साथ थें और जबतक प्राण है तबतक उनके साथ ही रहेंगें.

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जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर ने विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीती हैं. वहीं एनडीए की कुल सीटें 125 हैं और बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. ऐसे में अगर जीतन राम मांझी एनडीए से अलग होने का फैसला करती है तो एनडीए के लिए सरकार बनना मुश्किल होगा. विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद जीतनराम मांझी ने कहा कि एक बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में मंत्री नहीं बनेंगे.