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प्रकाश जावड़ेकर बोले- पीएम मोदी ने 21वीं सदी के लिए नई शिक्षा नीति को दी मंजूरी, GDP के 6 फीसदी होंगे शिक्षा पर खर्च

मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है. इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है.

Updated on: 29 Jul 2020, 05:23 PM

नई दिल्ली:

मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है. इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है. इसको लेकर विस्तृत जानकारी रमेश पोखरियाल निशंक और प्रकाश जावड़ेकर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीएम मोदी ने 21वीं सदी के लिए एक नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि 34 वर्षों तक शिक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं हुए थे. वहीं उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा कि नई शिक्षा नीति और सुधारों के बाद हम 2035 तक 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (GER) प्राप्त कर पाएंगे.

 

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विभिन्न विषयों को एक साथ सीखा जाएगा

2.5 लाख ग्राम पंचयातों से 22 भाषाओं में सुझाव लिए गए थे. 2035 तक 50 प्रतिशत उच्च शिक्षा में इंरोल एक साल की कॉलेज शिक्षा पर सटेफिकेट, 2 साल पर डिप्लोमा, 3-4 में डिग्री का प्रवधान होगा. अंकों के क्रेडिट पर रखा जाएगा. विभिन्न विषयों को एक साथ सीखा जाएगा. ऐफिलेटिड संस्थानों को a,b ग्रेड दिए जाएगें. उसी के आधार पर स्वायत्ता दी जाएगी. हाई एजुकेशन के लिए एक ही रेगुलेटर होगा. जीडीपी के 6% शिक्षा पर खर्च, अभी 4.4% है. विदेशी छात्रों के साथ स्डुडेंट्स एक्सचेंज अधिक होगा. शिक्षा में तकनीक की अधिक भागेदारी होगी. भारतीय भाषाओं की वैज्ञानिक रूप पर जोर. टीचिंग लर्निंग पर भी जोर दिया जाएगा. दिव्यांगजनों के लिए तकनीक पर जोर. 8 भाषाओं में ई-कोर्स रहेगें. वर्चुअल प्रयोगशाला पर बल दिया जाएगा.

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बुनियादी शिक्षा में भाषा और गणित पर क्लास 3 तक जोर

3-6 साल के बच्चों के लिए खेल-खेल में शिक्षा. बुनियादी शिक्षा में भाषा और गणित पर क्लास 3 तक जोर. 5+3+3+4 की स्कूल शिक्षा, मिडल क्लास में विषय पर जोर. बच्चों में वैज्ञानिक सोच. गणित और क्लास 6 से कोडिंग सिखाई जाएगी. जिनियस बच्चों के लिए बालिका फंड, वोकेशनल कोर्स क्लास 6 से शुरू. इसमें इंटर्नशिप भी होगी.
टीचर शिक्षा में बदलाव, 0-3 साल तक के अभिभावकों को बच्चों के लिए बताया जाएगा. बोर्ड एग्ज़ाम साल में 2 बार, स्बजेक्टिव और ओब्जेक्टिव दोनों प्रशन रहेगें. 5वीं तक मात्र भाषा में ही शिक्षा जरूरी. बच्चों की रिपोर्ट कार्ड में शिक्षक, सहपाठियों और खुद का मुल्याकंन, एआई का भी होगा प्रयोग. सभी राज्यों के स्कूल बोर्ड को एकल सुझाव. बुक रिडिंग और डिजिटल लाइब्रेरी पर जोर. 2023 तक शिक्षकों का शिक्षण होगा. सभी पंचायतों, सरकारों, 2.25लाख सुझाव, राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की मदद से बनी है नई शिक्षा नीति. 15 लाख स्कूल, 1 लाख डिग्री कॉलेज, 10 हज़ार विवि, और 30 करोड़ से ज्यादा छात्रों को बधाई.