Career Option: लॉ करने के बाद जज कैसे बनते हैं, क्या होनी चाहिए प्रॉपर तैयारी?

जज का पद एक नामी और जिम्मेदार पेशा है, लेकिन जज बनना इतना भी आसान नहीं है. ऐसे में आपको सही दिशा और नॉलेज होना चाहिए. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं जज बनने के लिए क्या करें?

जज का पद एक नामी और जिम्मेदार पेशा है, लेकिन जज बनना इतना भी आसान नहीं है. ऐसे में आपको सही दिशा और नॉलेज होना चाहिए. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं जज बनने के लिए क्या करें?

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Priya Gupta
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How to become a judge

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How to Become Judge: भारत में जज बनने का सपना देखने वाले छात्रों को कानून (Law) की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ चरणों को पार करना होता है. यह एक नामी और जिम्मेदार पेशा है, जिसमें न्याय करना और समाज में न्यायिक प्रणाली को सरल बनाना शामिल है. आइए जानते हैं, लॉ करने के बाद जज बनने का पूरा प्रोसेस.  

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लॉ की पढ़ाई पूरी करें  

जज बनने के लिए सबसे पहला कदम कानून की पढ़ाई करना है. इसके लिए आप 12वीं के बाद 5 वर्षीय एलएलबी (BA LLB, BBA LLB आदि) या ग्रेजुएशन के बाद 3 वर्षीय एलएलबी कर सकते हैं.  

 स्टेट जुडिशियल सर्विस एग्जाम (PCS-J)

लॉ की डिग्री पूरी करने के बाद, आपको राज्य न्यायिक सेवा परीक्षा (State Judicial Services Exam) पास करनी होगी. इसे PCS-J (Provincial Civil Services – Judicial) भी कहा जाता है. यह परीक्षा हर राज्य की उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित की जाती है.  

परीक्षा के लिए पात्रता  

शैक्षिक योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री.  
आयु सीमा: आमतौर पर 21 से 35 वर्ष के बीच होती है (राज्य अनुसार थोड़ी अलग हो सकती है).  
अनुभव: कुछ राज्यों में वकालत का अनुभव जरूरी हो सकता है, जबकि कई राज्यों में फ्रेशर्स भी आवेदन कर सकते हैं.

न्यायिक सेवा परीक्षा का पैटर्न 

यह परीक्षा तीन चरणों में होती है. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims): यह एक क्वालीफाइंग परीक्षा है जिसमें मल्टीपल चॉइस प्रश्न (MCQs) आते हैं.  मुख्य परीक्षा (Mains): इस चरण में लिखित परीक्षा होती है, जिसमें लॉ, संविधान, न्यायिक प्रक्रिया, और भारतीय दंड संहिता (IPC) जैसे विषय शामिल होते हैं. इंटरव्यू (Interview).

तैयारी के टिप्स  

लॉ की गहरी समझ: भारतीय संविधान, दंड संहिता (IPC), सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC), और अन्य कानूनी धाराओं पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए.  समाचार और समसामयिक ज्ञान: कानूनी बदलाव और समाज के मुद्दों की जानकारी रखें.  
प्रैक्टिस करें: पिछले सालों के सवाल पत्र हल करें और मॉक टेस्ट दें. 
पढ़ाई के लिए संसाधन: अच्छी किताबें, ऑनलाइन कोर्स और कोचिंग क्लासेस की मदद लें सकते हैं. 

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