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प्रतापगढ़-गाजीपुर समेत 5 मेडिकल कॉलेज के नाम तय, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 30 जुलाई को प्रदेश के जिन नौ राजकीय मेडिकल कालेजों का लोकार्पण होना है, उनमें से 5 के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं. मीरजापुर के मेडिकल कॉलेज का नाम मां विंध्यवासिनी के नाम पर होगा.

Updated on: 25 Jul 2021, 09:32 AM

लखनऊ:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 30 जुलाई को प्रदेश के जिन नौ राजकीय मेडिकल कालेजों का लोकार्पण होना है, उनमें से 5 के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं. मीरजापुर के मेडिकल कॉलेज का नाम मां विंध्यवासिनी के नाम पर होगा. गाजीपुर के मेडिकल कॉलेज को महर्षि विश्वामित्र के नाम से और प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज को स्व. डॉ. सोनेलाल पटेल के नाम से जाना जाएगा. जहां देवरिया महर्षि देवराहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय नाम होगा तो वहीं उत्तर प्रदेश के पहले बीजेपी अध्यक्ष माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर सिद्धार्थनगर के मेडिकल कॉलेज का नाम स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज होगा. बाकी जल्द ही 4 अन्य मेडिकल कॉलेजों के नाम भी तय किए जाएंगे.
 
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राजनीय मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को सिद्धार्थनगर का दौरा करेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज, हेलीपैड और सभा स्थल का निरीक्षण करेंगे. इसके बाद वे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और फिर मीडिया से भी करेंगे. PM नरेंद्र मोदी के 30 जुलाई को आगमन की तैयारी का CM जायज़ा लेंगे.
 
चिकित्सा शिक्षा विभाग से से मिली जानकारी के अनुसार, मीरजापुर में विंध्यवासिनी मंदिर है. यह गंगा नदी के किनारे स्थित शक्तिस्वरूपा मां विंध्यवासिनी के नाम से मीरजापुर मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया जा रहा है. गाजीपुर के नव निर्मित मेडिकल कालेज का नामकरण महार्षि विश्वामित्र होगा. प्राचीन काल में महार्षि विश्वामित्र के पिता राजा गाधि की राजधानी गाधिपुरी हुआ करती थी. 1330 ईसवी में गाधिपुर से इसका नाम गाजीपुर कर दिया गया.
 
इसी तरह प्रतापगढ़ के राजकीय मेडिकल कालेज को अपना दल के संस्थापक स्व. डॉ. सोने लाल पटेल के नाम से जाना जाएगा. वह कमेरा समाज के बड़े नेता थे. उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और केंद्रीय मंत्री हैं. जिस के बाद से ही यूपी में सियासत तेज हो गई है. 
 
प्रतापगढ़ जिले में बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार है, जिसका लोकार्पण देश के प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 30 जुलाई को किया जाएगा, इसे लेकर जिले की स्वास्थ्य सेवाएं तो बेहतर होंगी ही. साथ ही दूरदराज पढ़ाई के लिए जाने वाले स्टूडेंट को बहुत सारा फायदा मिलेगा. लोकार्पण की जानकारी होने के बाद प्रतापगढ़ जिले के लोगों में खुशी का माहौल है.
 
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प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट दो हिस्से में है. पहला हिस्सा कॉलेज वाला है, जो पूरे केशवराय गायघाट में बन रहा है. यहां 100 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई होगी. दूसरे हिस्से में जिला पुरुष व महिला अस्पताल को अपग्रेड किया गया है. इसमें 500 बेड के वार्ड बने हैं. केशवराय पुर में बने मेडिकल कॉलेज के भवनों में प्रशासनिक कक्ष, लाइब्रेरी, एकेडमिक, कैफेटेरिया, लेक्चर हॉल, आडिटोरियम, 300 छात्र-छात्रों के लिए हॉस्टल, नर्सेज हॉस्टल, डॉक्टरों के रहने के लिए आवास (टाइप टू के 12, टाइप थ्री के 20, टाइप फोर के 20, टाइप फाइप के 8 आवास) बनाने का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है. 
 
राजकीय मेडिकल कॉलेज में 15 सितंबर से छात्रों के आने का क्रम शुरू हो जाएगा. दखिले के लिए प्रवेश परीक्षा का परिणाम आने के बाद  प्रथम बैच में 60 सीटों पर छात्र-छात्राओं का प्रवेश होगा. इसको लेकर भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. राजकीय मेडिकल कॉलेज तक जाने वाला मार्ग अभी खराब है. जल्द ही इसका भी निर्माण कराया जाएगा. इसके अलावा परिसर में भी सड़क निर्माण कराया जाना है. परिसर और बाहर की सड़क को बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो.
 
प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य देश दीपक का कहना है कि तैयारियां लगभग पूरी हैं और जो कमियां है उसे पूरा करने की कोशिश की जा रही है. दिन रात काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज की शुरुआत होने पर न सिर्फ प्रतापगढ़ जिले का नाम देश में होगा, बल्कि यहां पर स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा और रोजगार के अवसर भी प्रधान होंगे. इउनका कहना है कि अब जनपद वासियों को स्वास्थ्य के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और उन्हें सारी सुविधाएं प्रतापगढ़ में आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी.
 
वहीं, विपक्ष का आरोप है कि मौजूदा सरकार सिर्फ नाम की राजनीति करती है. हालांकि, बाकी 4 मेडिकल कालेज के नाम अभी तय होना है. मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 900 सीटें बढ़ जाएंगी. हर मेडिकल कालेज में सौ-सौ सीटें हैं. शैक्षिक सत्र वर्ष 2021-22 से पढ़ाई शुरू करने के लिए 450 संकाय सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.