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सत्ता-संगठन में बदलाव का फार्मूला तैयार, अब सोनिया गांधी तय करेंगी राजस्थान का भविष्य

राजस्थान में सत्ता औऱ संगठन में फेरबदल की कवायद हुई तेज़. रात साढ़े दस बजे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे के सी वेणुगोपाल औऱ अजय माकन. डिनर पर हुई सियासी चर्चा की शुरुआत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मौजूद थे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा.

Updated on: 25 Jul 2021, 12:35 PM

highlights

  • राजस्थान में सत्ता और संगठन में फेरबदल की कवायद हुई तेज़
  • डिनर पर हुई सियासी चर्चा,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे मौजूद
  • सचिन पायलट अपने खेमे के 6 विधायकों को बनाना चाहते है मंत्री

 

जयपुर :

राजस्थान में सत्ता और संगठन में फेरबदल की कवायद तेज हो गई है. सत्ता-संगठन में बदलाव का फार्मूला लगभग तैयार है. वहीं, अशोक गहलोत ने फसैला हाईकमान पर छोड़ा हैं कि मंत्रिमंडल फेरबदल-विस्तार कब और कैसे होगा. दरअसल, देर रात गहलोत के साथ वेणुगोपाल-माकन की मंत्रणा हुई. दोनों नेता सारी जानकारी सोनिया गांधी को देंगे. जिसके बाद सोनिया गांधी राजस्थान का भविष्य तय करेंगी. बता दें कि रात साढ़े दस बजे मुख्यमंत्री निवास पर के सी वेणुगोपाल और अजय माकन पहुंचे. डिनर पर हुई सियासी चर्चा की शुरुआत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा मौजूद थे. गहलोत, माकन और वेणुगोपाल ने बनाई आगे की रणनीति बनाई. आज विधायकों और पदाधिकारियों को बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट अपने खेमे के 6 विधायकों को मंत्री बनाना चाहते हैं. वहीं. गहलोत 3 को ही मंत्री बनाने के पक्ष में हैं. 

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नए मंत्रियों में कांग्रेस से हेमाराम चौधरी , विश्वेन्द्र सिंह, रमेश मीना , दीपेंद्र सिंह, महेश जोशी  , मुरारी लाल मीणा , महेन्द्रजीत मालविया, बृजेन्द्र ओला, मंजू मेघवाल, खिलाड़ी बैरवा, शकुंतला रावत पर चल रही चर्चा. बसपा से राजेन्द्र गुढा, निर्दलीय संयम लोढा और महादेव खंडेला पर भी विचार हो रहा है. मौजूदा कुछ मंत्रियों के भविष्य पर भी मंथन चल रहा है.

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इनमे शामिल हैं प्रमोद जैन भाया, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदयलाल आंजना , भजन लाल जाटव, राजेन्द्र यादव, अर्जुन बामनिया, हरीश चौधरी, परसादी लाल मीणा, भंवर सिंह भाटी, ममता भूपेश और अशोक चांदना. सूत्रों की मानें तो विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हेमाराम चौधरी ने डिप्टी स्पीकर की पेशकश ठुकरा दी है.

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शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा सहित पहली बार जीत कर आने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कुल मिलाकर गहलोत , वेणुगोपाल और माकन के बीच निर्णायक दौर का मंथन शुरू हो चुका है. आज विधायक दल की बैठक नहीं बुलाई गई है. जो भी विधायक जयपुर में हैं केवल उन्हीं को बुलाया गया है.