ऑस्ट्रेलिया की डीकिन यूनिवर्सिटी और जिंदल स्कूल ने अध्ययन विकल्प की घोषणा की
बिजनेस एनालिटिक्स में चार साल के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने पर दो डिग्री प्राप्त करने की अनुमति देगा.
highlights
- डीकिन और जिंदल बिजनेस स्कूल ने इनोवेटिव स्टडी ऑप्शन की घोषणा की
- इसके तहत छात्र दो साल भारत और दो साल ऑस्ट्रेलिया में कर सकेंगे पढ़ाई
नई दिल्ली:
डीकिन विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया (Australia) और जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल (JGBS) ने भारतीय छात्रों के लिए एक अभिनव अध्ययन विकल्प (इनोवेटिव स्टडी ऑप्शन) की घोषणा की है, जो उन्हें बिजनेस एनालिटिक्स में चार साल के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने पर दो डिग्री प्राप्त करने की अनुमति देगा. चार साल का यह कार्यक्रम भारतीय छात्रों को चार साल पूरे होने पर बिजनेस मैनेजमेंट (एमबीए) और बिजनेस एनालिटिक्स में योग्यता हासिल करने की अनुमति देगा. यह कोर्स सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद छात्रों को जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) से बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) और डीकिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया से बैचलर ऑफ बिजनेस एनालिटिक्स की ड्रिगी (Degree) से नवाजा जाएगा.
दो-दो साल भारत और ऑस्ट्रेलिया में कर सकेंगे पढ़ाई
वर्तमान स्थिति में जब यात्रा निलंबित है और छात्र विदेशी उच्च शिक्षा के अवसर से अनिश्चित हैं, उस समय डीकिन विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया और जेजीबीएस ने चार साल के कार्यक्रम को विकसित किया है, जो छात्रों को 2 साल के बाद अपनी पढ़ाई को स्थानांतरित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में एक परिसर में बचे हुए 2 साल तक अध्ययन करने की अनुमति देगा. इस प्रकार से छात्र बिजनेस एनालिटिक्स में स्नातक की डिग्री पूरी कर सकेंगे. जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार और जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल के डीन प्रो. राजेश चक्रवर्ती के साथ ही प्रो. गैरी स्मिथ, डिप्टी वाइस चांसलर (ग्लोबल एंगेजमेंट), प्रो माइक ईविंग, कार्यकारी डीन, फैकल्टी ऑफ बिजनेस एंड लॉ और रवनीत पाव, डीकिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया सहित वरिष्ठ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दोनों भागीदारों द्वारा इस कार्यक्रम की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए. हस्ताक्षर ब्रेट गैल्ट-स्मिथ, काउंसलर (शिक्षा और अनुसंधान), ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग, नई दिल्ली की मौजूदगी में हुए.
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दो विश्वविद्यालयों का मिलेगा छात्रों का लाभ
यह अपनी तरह की एक पहल है, जहां छात्र ऑस्ट्रेलिया के डीकिन विश्वविद्यालय परिसर में स्थानांतरित होने से पहले एक प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करेंगे. इस व्यवस्था के एक हिस्से के रूप में, ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम के पहले दो वर्षों का अध्ययन करते हुए छात्र स्थानीय भारतीय ट्यूशन शुल्क का भुगतान करेंगे. यह वैश्विक करियर वाले छात्रों के लिए बेहतर अकादमिक सफलता में तब्दील करने का एक अवसर, जो कि उन्हें ऐसी शिक्षा के लिए लगने वाली भारी लागत से बचाता है. ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति डॉ. सी. राज कुमार ने एक बयान में कहा, 'हमारे मौजूदा प्रबंधन कार्यक्रमों के साथ-साथ हमारे नए लॉन्च किए गए बीबीए - एनालिटिक्स के छात्रों के लिए अद्वितीय कार्यक्रम बहुत अच्छी तरह से फिट बैठता है. एक शैक्षिक पोर्टफोलियो प्राप्त करने में सक्षम होगा, जो दोनों विश्वविद्यालयों के सर्वोत्तम मिश्रणों को प्रदान करता है, जो एक अत्यधिक सहायक और व्यक्तिगत छात्र अनुभव प्रदान करता है.' उन्होंने कहा, 'यह दो डिग्री हासिल करते हुए उनकी शैक्षणिक योग्यता भी बढ़ाएगा और दोहरी डिग्री प्रोग्राम के माध्यम से भारत और ऑस्ट्रेलिया में दो परिसरों में अध्ययन का मौका भी मिलेगा.'
छात्रों में विकसित होगी बेहतर समझ
राज कुमार ने कहा, 'जो छात्र इन कार्यक्रमों का हिस्सा होंगे, वे विभिन्न संदर्भों में मुद्दों को समझने और विश्लेषण करने के लिए बेहतर रूप से स्थित होंगे और खुद को व्यवसाय तक ही सीमित नहीं रखेंगे. कुछ पहलुओं में निश्चित रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स और मशीन लर्निग शामिल होंगी और इसलिए हमें शैक्षणिक संस्थानों को गतिशील बनाने की आवश्यकता है.' डीकिन यूनिवर्सिटी के डिप्टी वाइस चांसलर (ग्लोबल एंगेजमेंट) प्रोफेसर गैरी स्मिथ ने कहा, 'डीकिन यूनिवर्सिटी में हम लगातार अपनी पेशकश को नया रूप दे रहे हैं. इसके अलावा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामने आई वर्तमान चुनौतियों के साथ, इस तरह का एक हाइब्रिड पाथवे कार्यक्रम छात्रों को उनकी स्टडी और करियर को लेकर लक्ष्यों को ट्रैक पर लाने में मदद करेगा.'
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होगा संयुक्त चार वर्षीय कार्यक्रम
उन्होंने कहा, 'संयुक्त चार-वर्षीय कार्यक्रम छात्रों को अपने घर-देश से प्रारंभिक भाग का अध्ययन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में डीकिन विश्वविद्यालय में एक अंतर्राष्ट्रीय डिग्री प्राप्त करने के मार्ग के साथ वास्तव में वैश्विक अनुभव के लिए अनुमति देगा. जो छात्र दो प्रणालियों में शिक्षित होते हैं, उनके पास दो अलग-अलग लेंसों से दुनिया को देखने का एक बड़ा अवसर होता है. दो अलग-अलग दृष्टिकोणों से उन्हें सांस्कृतिक रूप से सक्षम होने का मौका मिलता है.' जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल के डीन प्रो. राजेश चक्रवर्ती ने कहा, 'आज भारत में एनालिटिक्स कार्यक्रमों के आसपास बहुत उत्साह है. वर्तमान में एआई और एनालिटिक्स के बारे में अधिक बात की जाती है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि यह कार्यक्रम छात्रों को इस प्रभावी ढंग से मुद्दों को समझने और रोजगारपरक बनाने में सक्षम बनाता है. छात्रों के पास भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों में अध्ययन करने का अवसर है.'
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