Changes in Education: साल 2024 भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिए कई बड़े और अहम बदलावों का साल रहा. ये सुधार स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक के छात्रों के लिए शिक्षा प्रणाली को आसान, आधुनिक और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किए गए. आइए, इन बदलावों पर एक नजर डालते हैं.
सीबीएसई: कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए नया ढांचा
सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं की पढ़ाई में महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव दिया है. कक्षा 10वीं में भाषाओं की संख्या 2 से बढ़ाकर 3 कर दिया गया है. विषयों की संख्या 5 से बढ़ाकर 10 कर दिया गया है. वहीं भाषाओं की संख्या 1 से बढ़ाकर 2 कर दिया गया है. विषयों की संख्या 5 से बढ़ाकर 6 कर दिया गया है. यह बदलाव छात्रों को विषयों की बेहतर समझ और बहुआयामी ज्ञान अर्जित करने का अवसर प्रदान करेगा.
डिग्री कोर्स जल्दी पूरा करने की सुविधा
यूजीसी (UGC) ने घोषणा की है कि अब छात्र अपने डिग्री कोर्स को जल्दी पूरा कर सकते हैं. तीन साल की डिग्री को 2.5 साल में खत्म हो सकती है. चार साल की डिग्री को 3 साल में खत्म करने का ऑप्शन होगा. यह कदम उन छात्रों के लिए लाभकारी है जो अपने करियर की शुरुआत जल्द करना चाहते हैं.
APAAR ID कार्ड का लॉन्च
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत, फरवरी 2024 में APAAR ID कार्ड लॉन्च किया गया. यह कार्ड छात्रों के प्राथमिक से हायर एजुकेशन तक के क्रेडिट स्कोर को रिकॉर्ड करेगा. छात्रों का सारा शैक्षणिक डेटा एक ही जगह सुरक्षित रहेगा.यह कार्ड शिक्षा प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा.
'नो डिटेंशन पॉलिसी' का अंत
केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया है. कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को प्रमोट नहीं किया जाएगा.उन्हें 2 महीने के भीतर दूसरी परीक्षा देने का मौका मिलेगा.केवल पास होने वाले छात्र ही अगली कक्षा में जा सकेंगे. इस कदम का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और छात्रों को अधिक गंभीर बनाना है.
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