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रद्द नहीं होगी CBSE 12वीं बोर्ड की परीक्षा, 1 जून को घोषित हो सकती है लिस्ट

इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. बैठक में सभी राज्‍यों ने परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अपने पक्ष रखे और सुझाव साझा किए. केंद्र सरकार ने परीक्षाएं रद्द न करने का फैसला लिया है. परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की जा सकती हैं.

Updated on: 23 May 2021, 06:10 PM

highlights

  • राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक
  • बैठक में राज्यों के शिक्षामंत्री ने हिस्सा लिया
  • दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने परीक्षाओं का विरोध किया

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है. इस महामारी के कारण सीबीएसई बोर्ड की 12वीं परीक्षाएं (CBSE Board 12th Exam) अभी भी लटकी हुई हैं. जिसको लेकर मोदी सरकार (Modi Government) ने आज 12वीं बोर्ड और प्रवेश परीक्षाओं के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक थी. इस मीटिंग में 4 केंद्रीय मंत्रियों, राज्य के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा मंत्रालयों के सचिवों ने भाग लिया. यह बैठक कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा और प्रवेश परीक्षों को आयोजित करने को लेकर थी. इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने की, शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (Ramesh Pokhriyal Nishank), केंद्रीय महिला एवं बाल मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) और केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) भाग लिया.

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बैठक में सभी राज्‍यों ने परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अपने पक्ष रखे और सुझाव साझा किए. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने परीक्षाएं रद्द न करने का फैसला लिया है. परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की जा सकती हैं, जिसकी आधिकारिक घोषणा केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एक जून को करेंगे. बैठक में दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐसे वक्त में परीक्षाओं का विरोध किया. 

सिरो सर्वे के सबूत यह बताने के लिए काफी है कि कोरोना संक्रमण जितना बड़ों में है उतना बच्चों में है और अब तो विशेषज्ञ यह दावा कर चुके हैं कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे ही होंगे. ऐसी स्थिति में शैक्षणिक कार्य को छोड़िए सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर भी संसय हो रहा था. लेकिन आज हुई बैठक में साफ हो गया कि परीक्षाओं को रद्द नहीं किया जाएगा. इस मुद्दे पर आज कई घंटे लंबा मंथन चला, जिसके बाद परीक्षाओं को कराने का फैसला लिया गया है. 

आज का दिन राज्य सरकारों के लिए सुनाने का था और केंद्र सरकार के लिए राज्यों की राय सुनने का था. तमिलनाडु, महाराष्ट्र कर्नाटक, तेलंगाना समेत पूर्वोत्तर के राज्यों ने कहा कि अभी उनके राज्य में महामारी की स्थिति खराब है, लिहाजा परीक्षाओं को कुछ और वक्त के लिए टाल देना चाहिए. कुछ शिक्षा मंत्रियों ने ऑप्शन दिया कि ऑफलाइन के स्थान पर ऑनलाइन परीक्षाएं भी करवाई जा सकती है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पहले 12वीं के बच्चों का टीकाकरण करवाओ उसके बाद ही बोर्ड परीक्षा संभव होगी.

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बैठक में दिल्‍ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए परीक्षाएं न आयोजित की जाएं. इसके बजाय छात्रों को पहले के नंबरों के आधार पर आगे प्रमोट किया जाए. उन्‍होंने कहा कि परीक्षाएं आयोजित करने से पहले बच्‍चों को वैक्सीनेट किया जाए तो बेहतर रहेगा.