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ताउते के बाद 'यास' के आज चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका, मचा सकता है तबाही

चक्रवाती तूफान तौकते (Cyclone Tauktae ) के बाद अब देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में साइक्लोन यास (Cyclone Yaas) का खतरा मंडरा रहा है. बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफान यास ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में दस्तक दे रहा है.

Updated on: 23 May 2021, 05:39 PM

दिल्ली :

चक्रवाती तूफान तौकते (Cyclone Tauktae ) के बाद अब देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में साइक्लोन यास (Cyclone Yaas) का खतरा मंडरा रहा है. बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में दस्तक दे रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department ) ने बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बनने और 24 मई तक इसके साइक्लोन में तब्दील होने का अनुमान जताया था. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक साइक्लोन में तबदील होकर ये उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है.

मौसम विभाग ने आज बताया कि पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के कम दबाव वाले क्षेत्र अब हवा के दबाव का केंद्र बन गया है. यह बालासोर और दीघा से लगभग 700 किमी दूर स्थित है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के DGM  मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि इसके उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने के संभावना है.  24 मई की सुबह तक यह दवाब एक चक्रवाती तूफान में बदल कर तेज होने की उम्मीद है.

चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) 26 मई की शाम को पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है. चक्रवाती तूफान यास के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने तटीय जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. साथ ही इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में  टीमों की तैनाती शुरू कर दी है. जिसके आगामी दो दिन में धीरे-धीरे चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) में बदलने की आशंका है. तटीय इलाकों में NDRF ने टीमें तैनात

चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) से निपटने के लिए NDRF ने कमर कस ली है. एनडीआरएफ महानिदेशक एसएन प्रधान के मुताबिक पश्चिम बंगाल और ओडिशा में संभावित खतरे वाले क्षेत्रों में टीमें तैनात करना शुरू कर दिया गया है. तूफान यास 26 मई को तट से टकरा सकता है.

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं तथा संसाधनों का स्टॉक रखा जाए. जिससे यास तूफान के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके और धन जन हानि नहीं हो.