नोटबंदी-GST के असर को पीछे छोड़ 2018 में सबसे मजबूत इकॉनमी होगा भारत, 7.4% होगी GDP: IMF
रिपोर्ट में 2018 के दौरान भारत का ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी जबकि 2019 के लिए 7.8 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया गया है। आईएमएफ के इस अनुमान में भारत की ग्रोथ रेट चीन से ज्यादा है।
highlights
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने दुनिया की आर्थिक वृद्धि दर को संशोधित करते हुए उसे पहले के मुकाबले बढ़ा दिया है
- आईएमएफ के वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक में 2018 के लिए भारत के भी ग्रोथ रेट का अनुमान 7.4 फीसदी रखा गया है
- भारत की ग्रोथ रेट चीन के मुकाबले अधिक है, 2018 में चीन की अर्थव्यवस्था 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है
नई दिल्ली:
नोटबंदी और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के कारण अस्थायी तौर पर हुए नुकसान को पीछे छोड़ते हुए 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी।
आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक में रिपोर्ट में 2018 के दौरान भारत का ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी जबकि 2019 के लिए 7.8 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया गया है।
आईएमएफ के इस अनुमान में भारत की ग्रोथ रेट चीन से ज्यादा है।
आईएमएफ की यह रिपोर्ट दावोस में शुरू होने वाले विश्व आर्थिक मंच के बैठक से ठीक पहलेे आई है, जहां दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक होने जा रही है।
रिपोर्ट में 2018 के दौरान चीन की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी जबकि 2019 में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
आईएमएफ की यह रिपोर्ट भारत को दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताती है, जिसे पिछले साल के दौरान नोटबंदी और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) जैसे झटकों का सामना करना पड़ा है।
इस रिपोर्ट में दुनिया की आर्थिक वृद्धि दर को संशोधित करते हुए उसे पहले के मुकाबले बढ़ा दिया गया है। वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक में जहां 2018 और 2019 के लिए ग्लोबल ग्रोथ रेट को बढ़ाकर 3.9 फीसदी कर दिया है।
और पढ़ें: दावोस बैठक से पहले WEF की रिपोर्ट जारी, चीन-पाक से नीचे फिसला भारत - कल मोदी करेंगे बैठक को संबोधित
गौरतलब है कि भारत सरकार अपनी रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में गिरावट की बात स्वीकार कर चुकी है।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) की तरफ से जारी रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 फीसदी थी।
पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी। वहीं 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी।
और पढ़ें: सरकार ने घटाया जीडीपी अनुमान, साल 2017-18 में 7 फीसदी से भी कम रहेगी ग्रोथ रेट
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