सरकार ने घटाया जीडीपी अनुमान, साल 2017-18 में 7 फीसदी से भी कम रहेगी ग्रोथ रेट
वित्त वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय आय अनुमान के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 129.85 लाख करोड़ रुपये रहेगी।
नई दिल्ली:
वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 फीसदी थी। यानी कि सरकार ने पहली बार माना है कि जीडीपी रेट 7 फीसदी से कम होगा।
जीडीपी का अनुमान लगाने वाली सरकारी एजेंसी ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में यह बात कही है। नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह सबसे कम वृद्धि दर होगी। मोदी सरकार ने मई, 2014 में कार्यभार संभाला था।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय आय अनुमान में कहा है, 'जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि 2016-17 में यह 7.1 फीसदी रही थी।'
पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी। 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी।
सीएसओ ने कहा, 'चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत रही थी।'
लालू ने चारा घोटाले में कम से कम सजा का किया अनुरोध, क्या कल आएगा फैसला!
वास्तविक सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के आधार पर 2017-18 में वृद्धि 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले साल 6.6 प्रतिशत थी।
आर्थिक गतिविधियां नोटंबदी और उसके बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से प्रभावित चालू वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट दिख रही है।
सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार कृषि, वन और मत्स्यपालन क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में घटकर 2.1 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 4.9 प्रतिशत थी।
इसके अलावा विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटकर 4.6 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो 2016-17 में 7.9 प्रतिशत रही थी।
इससे पहले चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त हुई तिमाही में देश की जीडीपी दर 6.3 फीसदी रही और पहली तिमाही में 5.7 फीसदी रही थी।
ट्रिपल तलाक बिल लटका, संसद अनिश्चिकालीन के लिए स्थगित
नोटबंदी और जीएसटी के बाद से ही अर्थव्यवस्था कमज़ोर होने को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साधती रही है। इतना ही नहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर बिना सोचे-समझे फैसला लेने का आरोप लगाया था। हालांकि सरकार ने इस तरह के आरोप को ग़लत बताया था।
एसबीआई रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्या कांति घोष ने कुछ दिन पहले ही ग्रोथ रेट कम होने का अंदेशा ज़ाहिर करते हुए कहा था, 'मौजूदा वित्त वर्ष में देश की जीडीपी का 7 फीसदी को पार करना मुश्किल लगता है। हालांकि तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुधर सकती है।'
योजना आयोग (अब नीति आयोग) के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 6.2 से 6.3 फीसदी के बीच रह सकती है।
वहीं एक्सिस बैंक चीन इकनॉमिस्ट सुगता भट्टाचार्य ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 6.6-6.8 फीसदी रह सकती है।
RBI जारी करेगी 10 रुपये का नया नोट, पुराने भी रहेंगे चलन में
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा