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दिल्ली हिंसा मामलें में दिल्ली पुलिस की याचिका पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की अपील पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा

Updated on: 17 Jun 2021, 05:16 PM

highlights

  • उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की अपील पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा
  • दिल्ली पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में तीन आरोपियों को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी
  • हाईकोर्ट ने इस मामले में पिछले मंगलवार को 50,000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी

नई दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की अपील पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा. दिल्ली पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा (Delhi Riots) के आरोपी नताशा नरवाल (Natasha Narwal) समेत तीन आरोपियों की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है. पुलिस ने इस मामले में कोर्ट से पुनर्विचार की मांग की है. हाईकोर्ट ने मंगलवार को तीनों यूनिवर्सिटी छात्रों को जमानत दे दी थी.

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आपको बता दें कि नरवाल के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई ​थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में पिछले मंगलवार को 50,000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जे भंभानी की बेंच ने यह फैसला सुनाया था. इनमें से नरवाल और कालिता जेएनयू में रिसर्च स्कॉलर्स हैं. जबकि, तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया का स्टूडेंट है. दिल्ली पुलिस ने नरवाल को मई 2020 में गिरफ्तार किया था. इन पर राजधानी ​दिल्ली में सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगा था. इसके साथ ही तीनों आरोपियों को जांच में सहयोग करने और बिना अनु​मति के देश से बाहर न जाने की बात कही गई थी.

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एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, दिल्ली हिंसा के इन तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद इन आरोपियों पर  पब्लिक प्रोपर्टी नुकसान पहुंचाने की रोकथाम संबंधी कानून, 1984, आम्र्स एक्ट 1967 और यूएपीए की धाराओं के तहत भी आरोप लगे थे. वहीं, आरोपियों में से एक नताशा पिछले महीने ही अपने पिता का अंतिम संस्कार के लिए जेल से बाहर आई थीं. आपको बता दें कि ​नताशा के पिता का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था.