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बड़ी खबर: बीमा प्रीमियम, डिविडेंड और किराये के भुगतान पर अब 25 फीसदी कम कटेगा TDS

Coronavirus (Covid-19): लाभांश भुगतान, बीमा पॉलिसी (Insurance Policy), किराया, पेशेवर शुल्क और अचल संपत्ति की खरीद पर लगने वाले कर (टीडीएस/टीसीएस) में 25 प्रतिशत की कमी की है. घटी दरें 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेंगी.

Updated on: 15 May 2020, 07:05 AM

दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) संकट के कारण लागू ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिये लाभांश भुगतान, बीमा पॉलिसी (Insurance Policy), किराया, पेशेवर शुल्क और अचल संपत्ति की खरीद पर लगने वाले कर (टीडीएस/टीसीएस) में 25 प्रतिशत की कमी की है. घटी दरें 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेंगी.

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TDS, TCS में 25 फीसदी की कमी 14 मई से प्रभावी होंगी
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएएस) दर में 25 प्रतिशत की कमी की बुधवार की घोषणा के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने संशोधित दर को अधिसूचित किया है. ये दरें 14 मई, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक प्रभावी रहेंगी. सीतारमण ने देशव्यापी बंद और उसके प्रभाव से कंपनियों तथा करदाताओं को राहत देते हुए कहा था कि टीडीएस/टीसीएस में कटौती से लोगों के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त बचेंगे. वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने टीडीएस की दरों में कमी का लाभ वैतनिक लोगों को नहीं दिये जाने का कारण पूछे जाने पर कहा कि वैतनिक व्यक्ति के लिये 80सी जैसी विभिन्न पात्र कटौतियों तथा अन्य पर गौर करने के बाद वेतन से टीडीएस काटा जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये किया जाता है ताकि वैतनिक व्यक्ति को साल के अंत में अधिक दर पर कर भुगतान के बोझ तथा अधिक ब्याज के बोझ का सामना न करना पड़े.

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उन्होंने कहा कि यदि हमने वैतनिक लोगों के लिये टीडीएस की दरें कम की होतीं तो उनके लिये अनुपालन का बोझ बढ़ जाता क्योंकि उन्हें साल के अंत में ब्याज के साथ अधिक दर पर करों का भुगतान करना पड़ता. इसी कारण वैतनिक लोगों के लिये टीडीएस की दरें कम नहीं की गयी हैं. उन्होंने आगे कहा कि बैंकों से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर एक प्रतिशत टीडीएस कटता रहेगा और इस तरह के लेनदेन पर टीडीएस दर में कमी का लाभ नहीं मिलेगा. इसी तरह, विदेशी प्रेषणों के लिए भी टीडीएस दर में कोई कटौती नहीं की गयी है. पांडेय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 23 मामलों के लिये टीडीएस की दरों में तथा सात मामलों के लिये टीसीएस की दरों में कटौती की गयी है. उन्होंने कहा कि प्रतिभूतियों पर ब्याज, बैंक खाते पर ब्याज, लाभांश भुगतान पर 10 प्रतिशत टीडीएस कटता था. अब इस दर को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह कंपनियों के पास नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये किया गया है. सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि 10 लाख रुपये से अधिक के मोटर वाहन की बिक्री पर टीसीएस एक प्रतिशत से कम कर 0.75 प्रतिशत कर दिया गया है.

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार, जीवन बीमा पॉलिसी के भुगतान पर टीडीएस 5 प्रतिशत के बजाय अब 3.75 प्रतिशत लगेगा जबकि लाभांश और ब्याज के साथ-साथ अचल संपत्ति के किराये पर यह 7.5 प्रतिशत होगा जो पहले 10 प्रतिशत था. अचल संपत्ति की खरीद पर टीडीएस अब 0.75 प्रतिशत लगेगा जबकि पहले यह एक प्रतिशत था. इसी प्रकार व्यक्तिगत या हिंदू अविभाजित परिवार द्वारा किराये के भुगतान पर टीडीएस 5 प्रतिशत के बजाय 3.75 प्रतिशत होगा. ई-वाणिज्य प्रतिभागियों के मामले में टीडीएस एक प्रतिशत से कम कर 0.75 प्रतिशत तथा पेशेवर शुल्क के रूप में टीडीएस 2 प्रतिशत से कम कर 1.5 प्रतिशत किया गया है.

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राष्ट्रीय बचत योजना के तहत जमा भुगतान पर टीडीएस अब 7.5 प्रतिशत होगा जो अबतक 10 प्रतिशत था. वहां म्यूचुअल फंड द्वारा यूनिटों की पुनर्खरीद पर टीडीएस अब 15 प्रतिशत देना होगा जो पहले 20 प्रतिशत था. इसी प्रकार, बीमा कमीशन और ब्रोकरेज पर टीसीएस 5 प्रतिशत से कम कर 3.75 प्रतिशत किया गया है. इसके अलावा तेंदुपत्ता, कबाड़, लकड़ी, वन उपज और कोयला, लिग्नाइट या लौह अयस्क की बिक्री पर भी टीसीएस में कटौती की गयी है. सीबीडीटी ने साफ किया कि उन मामलों में टीडीएस या टीसीएस में कटौती नहीं होगी जहां पैन/आधार नहीं देने के कारण उच्च दर से कर काटा या जुटाया जा रहा है. इस बारे में नांगिया एंड्रसन के एलएलपी निदेशक संदीय झुनझुनवाला ने कहा कि बिना वेतन वाले भुगतान पर टीडीएस और टीसीएस दरों में 25 प्रतिशत की कटौती से लोगों के हाथ में पैसे आएंगे और अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ेगी.