logo-image

प्रवासी मजदूरों को उनके घर पर मिलेगा काम, मनरेगा में बढ़े रजिस्ट्रेशनः वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

पीएम मोदी के इस बड़े ऐलान के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग सेक्टर्स के लिए चरणबद्ध तरीके पिछले दो दिनों से राहत की घोषणाएं कर रही हैं. इन्हीं घोषणाओंके दौरान उन्होंने गुरुवार को इस बात का भी ऐलान किया कि राज्यों में लॉकडाउन की वजह से लौटे मजदूरों को उनके गांवों में ही मनरेगा के तहत रोजगार दिए जाएंगे.

Updated on: 14 May 2020, 05:54 PM

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के बाद देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. अर्थव्यवस्था हालात को सुधारने के लिए सरकार लगातार एक के बाद एक नए कदम उठा रही है. अर्थव्यवस्था पर आए संकट के इन बादलों से निपटने के लिए मंगलवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. पीएम मोदी के इस बड़े ऐलान के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग सेक्टर्स के लिए चरणबद्ध तरीके पिछले दो दिनों से राहत की घोषणाएं कर रही हैं.

इन्हीं घोषणाओंके दौरान उन्होंने गुरुवार को इस बात का भी ऐलान किया कि राज्यों में लॉकडाउन की वजह से लौटे मजदूरों को उनके गांवों में ही मनरेगा के तहत रोजगार दिए जाएंगे.आपको बता दें कि गुरुवार को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज से जुड़ी अपनी लगातार दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राहत पैकेज के बारे में बताया कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा. इस फैसले के तहत अब गांवों में मनरेगा मजदूरों की संख्या में 50 फीसदी तक रजिस्ट्रेशन बढ़ गए हैं. 

छोटे किसानों को मिलेगा 3 महीने के मेमोरेटोरियम पीरियड का लाभ
वित्तमंत्री निर्मलासीतारमण ने आगे बताया कि देश के छोटे किसान जिन्होंने 4.22 लाख करोड़ का कर्ज लिया है वो 3 महीने के मेमोरेटोरियम पीरियड का लाभ उठा रहे हैं. फसलों पर इंटरेस्ट सबवेंशन और प्रांप्ट रीपेमेंट इन्सेन्टिव को 1 मार्च से बढ़ाकर 31 मई तक किया गया. 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड्स को मंजूरी दी गयी जिसके तहत 25000 करोड़ रुपये की लोन लिमिट है. इसके अलावा किसानों और ग्रामीणों के लिए लिक्विडिटी समर्थन पिछले दो महीने किया जा रहा है.

सरकार ने किसानों के लिए 86600 करोड़ के 63 लाख लोन मंजूर किए
कृषि में 1 मार्च से 30 अप्रैल तक 86600 करोड़ रुपये की 63 लाख लोन मंजूर किये गए है. नाबार्ड की तरफ से 29500 करोड़ ग्रामीण विकास के लिए मार्च में राज्यों को रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड डेवलोपमेन्ट के तहत 4200 करोड़ रुपये का सहयता किया गया. राज्यों के सरकारी एजेंसियों को कृषि उलझ की खरीद के लिए 6700 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल के रूप में दिया गया.

हर राज्य में लागू होगी वन नेशन वन राशन कार्ड योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान कहा कि देश के हर राज्यों में वन नेशन, वन राशन योजना लागू होगी. मोदी सरकार एक देश, एक राशन कार्ड सिस्टम लेकर आई है, जिसमें राशन कार्ड देश के किसी कोने में इस्तेमाल किया जा सकेगा. गरीबों को राशन डिपो से इसका फायदा मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने फ्री आनाज मिलेगा. बिना राशन कार्ड वाले लोगों को भी फ्री में 5 किलो चावल और 1 किलो चना मिलेगा. सरकार पीडीएस के जरिये मजदूरों की राशन बांटेगी. मुफ्त राशन के लिए दो महीने में 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिना राशन कार्ड वाले 8 करोड़ लोगों को मदद मिलेगी.