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मोदी सरकार की इस योजना से 35 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, लागत का 90 फीसदी तक मिलेगा लोन

बयान में कहा गया है कि एएचआईडीएफ (AHIDF) के माध्यम से स्वीकृत उपायों से 35 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आजीविका निर्माण करने में मदद मिलेगी.

Updated on: 17 Jul 2020, 01:19 PM

नई दिल्ली:

Animal Husbandry Infrastructure Development Fund: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि (AHIDF) के कार्यान्वयन दिशानिर्देशों को जारी किया. इसका मकसद डेयरी और मांस क्षेत्र में देश की प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाना है. बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 जून को ‘आत्मानिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज’ के तहत इस कोष को मंजूरी दी थी. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि इसका उद्देश्य व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और धारा आठ के तहत आने वाली कंपनियों द्वारा डेयरी और मांस प्रसंस्करण और मूल्यवर्धित बुनियादी ढांचे की स्थापना के साथ-साथ पशु चारा संयंत्रों के लिए निवेश को प्रोत्साहित करना है.

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अनुमानित लागत का 90 प्रतिशत तक मिल सकेगा कर्ज
दिशानिर्देशों के अनुसार, एएचआईडीएफ के तहत आने वाली परियोजनायें, निर्दिष्ट बैंकों की तरफ से अनुमानित लागत का 90 प्रतिशत तक ऋण प्राप्त करने के पात्र होंगी. केंद्र इन ऋणों पर तीन प्रतिशत की ब्याज सहायता देगा. बयान में कहा गया है कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नस्ल सुधार पर ध्यान दे रही है और प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है.

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वर्ष 2024 तक दूध उत्पादन 33 करोड़ टन तक करने का लक्ष्य
मौजूदा समय में भारत 18.8 करोड़ टन दूध का उत्पादन कर रहा है. सरकार इस उत्पादन स्तर को वर्ष 2024 तक 33 करोड़ टन तक पहुंचाने की तैयारी कर रही है. अभी केवल 20-25 प्रतिशत दूध का प्रसंस्करण किया जा रहा है, जिसे सरकार बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने की कोशिश कर रही है.

सिंह ने कहा कि बुनियादी ढाँचा बनने के बाद लाखों किसान लाभान्वित होंगे और अधिक दूध का प्रसंस्करण हो सकेगा. इससे डेयरी उत्पादों का निर्यात भी बढ़ेगा जो वर्तमान में नगण्य है। भारत को डेयरी क्षेत्र को न्यूजीलैंड जैसे देशों के बराबर ले जाने की आवश्यकता है. उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान, डेयरी किसान उपभोक्ताओं को दूध की निरंतर आपूर्ति करते रह सके. योजना के तहत केंद्र पात्र लाभार्थियों के कर्ज पर तीन प्रतिशत ब्याज सहायता देगा. मूल ऋण राशि पर दो साल की मोहलत अवधि होगी और उसके बाद कर्ज को छह साल में लौटाना होगा. केंद्र सरकार नाबार्ड द्वारा प्रबंधित किए जाने वाले 750 करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड की भी स्थापना करेगी.

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35 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
बयान में कहा गया है कि उन स्वीकृत परियोजनाओं को रिण गारंटी प्रदान की जाएगी जो एमएसएमई परिभाषित सीमा के दायरे में आते हैं. बयान में कहा गया है कि एएचआईडीएफ के माध्यम से स्वीकृत उपायों से 35 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आजीविका निर्माण करने में मदद मिलेगी. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि सरकार ने 53.5 करोड़ पशुओं का टीकाकरण करने का फैसला किया है. अब तक चार करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है.