logo-image

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) के बीमाधारकों के लिए खुशखबरी, कंपनी के इस फैसले से होगा बड़ा फायदा

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) लगातार 14वें साल अपने बीमाधारकों (Insurance Holders) को बोनस भुगतान करने जा रही है. इससे कंपनी के नौ लाख ग्राहकों को लाभ होगा.

Updated on: 19 Jun 2020, 12:20 PM

नई दिल्ली:

निजी क्षेत्र की प्रमुख जीवन बीमा कंपनी (Life Insurance Company) आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) ने वित्त वर्ष 2019-20 में 788 करोड़ रुपये के साथ 15 प्रतिशत अधिक बोनस भुगतान की घोषणा की है. कंपनी लगातार 14वें साल अपने बीमाधारकों (Insurance Holders) को बोनस भुगतान करने जा रही है. इससे कंपनी के नौ लाख ग्राहकों को लाभ होगा. एक बीमा कंपनी (Insurance Company) द्वारा दिया जाने वाला बोनस बीमाधारकों के फंड से प्राप्त लाभ का हिस्सा होता है.

यह भी पढ़ें: हिस्सा बेच सकता है फ्यूचर ग्रुप, रिलायंस इंडस्ट्रीज से चल रही है बातचीत: सूत्र 

2019-20 के लिए घोषित 788 करोड़ रुपये का बोनस वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन एस कन्नन ने कहा कि 2019-20 के लिए घोषित 788 करोड़ रुपये का बोनस वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है. यह बोनस बीमाधारकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम और करीब ले जायेगा. मार्च 2020 तक, कंपनी द्वारा प्रबंधित परिसंपत्ति 1,52,968 करोड़ रुपये थी और कुल बीमा राशि लगभग 14.80 लाख करोड़ रुपये थी.

यह भी पढ़ें: कर्ज से पूरी तरह मुक्त हुई रिलायंस इंडस्ट्रीज, सिर्फ 58 दिन में जुटा लिए 1,68,818 करोड़ रुपये

जनवरी-मार्च के दौरान बैंक जमा में अचानक आए उछाल की वजह कर्ज बढ़ना है, बचत नहीं: रिपोर्ट

पिछले कुछ माह के दौरान बैंकों की जमा में अचानक आए उछाल की वजह केंद्र और राज्यों का कर्ज बढ़ना है, यह बचत में बढ़ोतरी की वजह से नहीं है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए जमाकर्ता उन बैंकों का चयन कर रहे हैं जहां उनका पैसा सुरक्षित रह सकता है. जनवरी-मई, 2020 के दौरान बैंकिंग प्रणाली में जमा राशि 7.05 लाख करोड़ रुपये बढ़ी। पिछले साल की समान अवधि में जमा 4.65 लाख करोड़ रुपये बढ़ी थी. हालांकि, इस अवधि में बैंकों का ऋण सिर्फ 2.2 लाख करोड़ रुपये बढ़ा, जबकि जनवरी-मई, 2019 के दौरान यह 2.84 लाख करोड़ रुपये बढ़ा था.

यह भी पढ़ें: एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान जताया, जानें कितना पड़ेगा असर

रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों की जमा में अचानक हुई बढ़ोतरी की वजह केंद्र और राज्य सरकारों के कुल कर्ज में हुई वृद्धि है। इसके पीछे वजह बचत में बढ़ोतरी नहीं है. रिपोर्ट कहती है कि सभी बैंकों ने जमा पर ब्याज घटाया है लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में यह कटौती अधिक है। इससे शीर्ष बैंकों और अन्य के बीच अंतर काफी बढ़ गया है.