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GST के 4 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा है कि GST की वजह से आम आदमी को कई तरह के टैक्स, टैक्स बोझ और टैक्स की वजह से होने वाली परेशानियों को कम किया है.

Updated on: 30 Jun 2021, 04:24 PM

highlights

  • 1 जुलाई 2021 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कानून के चार साल हो जाएंगे
  • पिछले चार साल में हो चुकी है जीएसटी काउंसिल की 44 महत्वपूर्ण बैठक

नई दिल्ली:

कल यानी गुरुवार (1 जुलाई 2021) को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods & Services Tax) कानून के चार साल हो जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने GST के चार साल पूरे होने पर कहा है कि जीएसटी भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक मील का पत्थर साबित हुआ है. उन्होंने कहा है कि जीएसटी की वजह से आम आदमी को कई तरह के टैक्स, टैक्स बोझ और टैक्स की वजह से होने वाली परेशानियों को कम किया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी की वजह से पारदर्शिता, अनुपालन और समग्र संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है.

बता दें कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कानून को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. 17 तरह के अलग-अलग टैक्स और सेस को GST कानून में शामिल किया गया था. GST कानून में एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, VAT के अलावा 13 सेस को शामिल किया गया था. पिछले चार साल में जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 44 महत्वपूर्ण बैठक हो चुकी है. जीएसटी के चार साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने ट्वीट के जरिए कहा है कि जीएसटी कानून उपभोक्ता और करदाताओं दोनों के लिए काफी फ्रैंडली है. 

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पर नहीं लगता है जीएसटी
बता दें कि जीएसटी के अंतर्गत पशु चारा, जलीय चारा और पोल्ट्री चारा, इन सभी को सभी प्रकार के बीजों के समान ही शून्य दर पर रखा गया है. दूसरे शब्दों में, कृषि प्रक्रिया से जुड़ी इन महत्वपूर्ण सामग्रियों पर जीएसटी प्रणाली के तहत किसी भी प्रकार का कर नहीं लगता है. पूर्व काल में रासायनिक उर्वरकों पर कर की दर 10 फीसदी से अधिक (1 फीसदी उत्पाद शुल्क, 2.44 फीसदी एम्बेडेड उत्पाद शुल्क, लगभग 4 फीसदी भारित औसत वैट और 2.5 फीसदी सीएसटी, चुंगी, आदि) थी, जबकि जीएसटी व्यवस्था में सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों पर केवल 5 फीसदी कर की दर लागू है.

जीएसटी के अंतर्गत कृषि क्षेत्र को पर्याप्त रियायतें दी गई हैं. उर्वरकों पर, जीएसटी में शुद्ध कर को आधा कर दिया गया. कृषि से जुड़े उपकरणों पर, कर उल्लेखनीय रूप से 15 फीसदी/18 फीसदी से 12 फीसदी, और कुछ खास वस्तुओं पर लगभग 8 फीसदी से लेकर 5 फीसदी तक कम कर दिया गया है. दैनिक उपयोग की अधिकांश वस्तुएं शून्य या 5 फीसदी वाले स्लैब में हैं. आवासीय परिसरों के निर्माण के लिए दरों में सामान्य रूप से 5  फीसदी और सस्ते घरों के लिए 1  फीसदी की भारी कमी आई है. रेस्टोरेंट के लिए भी दर को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. सिनेमा के टिकटों पर लगने वाला टैक्स, जोकि पहले 35 फीसदी से लेकर 110  फीसदी के बीच होता था, को घटाकर 12  फीसदी कर दिया गया है (जहां टिकट का मूल्य 100 रुपये तक है) और जीएसटी व्यवस्था में यह 18  फीसदी कर दिया गया है. 

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फ्रिज, वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, फूड ग्राइंडर्स और मिक्सर, वेजिटेबल जूस एक्सट्रैक्टर, शेवर, हेयर क्लिपर्स, वॉटर हीटर, हेयर ड्रायर, इलेक्ट्रिक स्मूदिंग आयरन, टीवी (32 इंच तक) जैसे उपकरणों पर टैक्स की दरें जीएसटी के कारण 31.3 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गई हैं. बालों का तेल, टूथपेस्ट और साबुन जैसी रोजमर्रा की आम चीजों पर कर दरें जीएसटी से पहले के समय के 29.3 फीसदी से घटकर जीएसटी के तहत अब महज 18 फीसदी रह गई हैं. कुल मिलाकर, 400 वस्तुओं और 80 सेवाओं पर जीएसटी की दरों में कमी की गई है. यह देखते हुए कि जीएसटी से पहले की प्रणाली में अधिकांश वस्तुओं पर संयुक्त रूप से केंद्र और राज्यों की दरें 31 प्रतिशत से अधिक थीं; यह कमी करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है.