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रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के राइट इश्यू में निवेश का सुनहरा अवसर, जानिए कब से कब तक है मौका

मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली आरआईएल ने राइट्स इश्यू लाने की घोषणा 30 अप्रैल को की थी. राइट इश्यू के तहत वर्तमान 15 पर एक शेयर खरीदने का अधिकार देने की पेशकश की गयी है.

Updated on: 16 May 2020, 02:14 PM

दिल्ली:

तेल खनन से लेकर रोजमर्रा के सामानों के खुदरा कारोबार में लगी निजी क्षेत्र की विशाल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries-RIL) का राइट्स शेयर का निर्गम 20 मई को खुलेगा. कंपनी के शेयरधारक इस 53,125 करोड़ रुपये के निर्गम में शेयर के लिए तीन जून तक आवेदन कर सकते हैं. मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली आरआईएल ने राइट्स इश्यू लाने की घोषणा 30 अप्रैल को की थी.

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तीन दशक में पहली बार राइट्स शेयर जारी करेगा रिलायंस
राइट इश्यू के तहत वर्तमान 15 पर एक शेयर खरीदने का अधिकार देने की पेशकश की गयी है. यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा राइट्स शेयर निर्गम है. रिलायंस ने तीन दशक में पहली बार राइट्स शेयर जारी करने का कदम उठाया है. कंपनी पहले कह चुकी है कि जिनके नाम 14 मई तक उसके शेयर रहे होंगे वे इस निर्गम में आवेदन कर सकेंगे. कंपनी ने शेयर बाजारों को ताजा सूचना में कहा है कि उसके निदेशक मंडल ने 15 मई की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी कि राइट्स शेयर का यह निर्गम 20 मई, 2020 को खुलेगा और इसकी अंतिम तिथि 3 जून, 2020 होगी. राइट्स शेयर 1,257 रुपये के भाव पर दिया जाएगा। यह 30 अप्रैल को इस शेयर के बंद भाव से 14 प्रतिशत सस्ता है. इस निर्गम से कंपनी को अपना कर्ज भार कम करने में मदद मिलेगी.

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बता दें कि 31 मार्च, 2020 तक कंपनी पर 3,36,294 करोड़ रुपये की देनदारी थी. उपरोक्त तिथि को कंपनी के हाथ में 1,75,259 करोड़ रुपये रोकड़ा राशि थी. इस तरह पिछले वित्त वर्ष के अंत में उस पर शुद्ध कर्ज भार 1,61,035 करोड़ रुपये था. अंबानी ने पिछले साल अगस्त में आरआईएल का शुद्ध कर्ज भार 2021 तक शून्य करने का लक्ष्य तय किया था. कंपनी ने हाल में अपने डिजिटल प्लेट फार्म जियो में कुछ छोटे- छोटे हिस्से फेसबुक और कुछ अन्य चुनिंदा निवेशकों को बेचे हैं. कंपनी अपने पेट्रोलियम/ पेट्रोरसायन कारोबार का एक हिस्सा सऊदी अरब की सऊदी अरामको को 15 अरब डॉलर में बेचने की बात कर रही है. रिलायंस ने पेट्रोल पंप कारोबार का आधा हिस्सा सात हजार करोड़ में बीपी को बेच दिया है. इसी तरह दूरसंचार टावर कारोबार 25,200 करोड़ रुपये में ब्रुकफील्ड को बेचा जा चुका है.