FPI: विदेशी निवेशकों ने फिर दिखाई भारतीय बाजार में दिलचस्पी, मई में अब तक निवेश किए 14 हजार करोड़ से ज्यादा

FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एक बार फिर से भारतीय बाजार में भरोसा जताने लगा है. जिसका सबूत ये है कि मई महीने के सिर्फ 10 दिनों के भीतर ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 14,167 रुपये के शेयर खरीदे हैं.

FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एक बार फिर से भारतीय बाजार में भरोसा जताने लगा है. जिसका सबूत ये है कि मई महीने के सिर्फ 10 दिनों के भीतर ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 14,167 रुपये के शेयर खरीदे हैं.

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Suhel Khan
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विदेशी निवेशकों का फिर बढ़ा भारतीय बाजार पर भरोसा

Foreign Portfolio Investors: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बावजूद विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में दिलचस्पी दिखाई है. जिसके चलते मई के महीने में ही अब तक विदेशी निवेशकों ने 14 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये निवेश किए हैं. जो भारत-पाकिस्तान के तनाव के बाद भी भारत के इक्विटी बाजार में निवेशकों का विश्वास दिखाता है. बाजार के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में निवेश करना मजबूत घरेलू आर्थिक बुनियादी बातों और सकारात्मक वैश्विक संकेतों की ओर इशारा करता है.

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10 मई तक विदेशी निवेशकों ने किया इतना निवेश

विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक 14,167 रुपये का निवेश किया है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने 4,223 करोड़ रुपये का निवेश किया था. जो निकासी के तीन महीने की अवधि के बाद पहला प्रवाह था. इससे पहले, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बड़ी मात्रा में निकासी की थी.

विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से मार्च में 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की भारी रकम निकाली थी. हालांकि, अप्रैल में यह रुझान उलट गया और मई में भी यह गति जारी रही, जिसमें एफपीआई ने भारतीय बाजार में निवेश करना जारी रखा है.

भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों का फिर से निवेश करना एक सकारात्मक संकेत है. जिसके चलते पीएफआई द्वारा इस साल अब तक निकाली गई रकम घटकर 98,184 करोड़ रुपये हो गई है. निवेश रणनीतिकारों का कहना है कि वैश्विक व्यापक आर्थिक कारक, जैसे कि अमेरिकी डॉलर में गिरावट, अमेरिका और चीन की धीमी अर्थव्यवस्थाएं, साथ ही भारत की मजबूत जीडीपी वृद्धि और घटती मुद्रास्फीति और ब्याज दरें, एफपीआई प्रवाह को बढ़ाती रहेंगी.

निवेश एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे ऋण प्रवाह कम रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 मई को समाप्त 16 कारोबारी दिनों में लगातार एक्सचेंजों के माध्यम से 48,533 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे गए. इस दौरान विदेशी निवेशकों ने 9 मई को 3,798 करोड़ रुपये के अपने शेयर बेचे.

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