भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष को लेकर New York Times की एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका शुरू में इस टकराव को हल्के में ले रहा था, लेकिन जब भारत ने आतंकियों के अड्डों से आगे बढ़कर पाकिस्तान के एयरबेस को निशाना बनाना शुरू किया, तो वॉशिंगटन में हड़कंप मच गया.
कुछ ही मिनटों 11 एयरबेस तबाह
भारत ने केवल कुछ मिनटों में पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए, जिनमें इस्लामाबाद के पास का नूर खान एयरबेस सबसे अहम था. यह पाकिस्तान की वायुसेना की धड़कन माना जाता है.इस हमले के बाद पाकिस्तान बौखला गया था. हालात ऐसे हो गए थे कि भारत अब पाकिस्तान के किसी भी इलाके पर मिसाइल दागने के लिए तैयार था. इसके पीछे वजह ये थी कि पाकिस्तान का चीनी एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया था. पाकिस्तान को समझ आ गया था कि भारत रुकने वाला नहीं
क्या परमाणु हथियार यूज करने वाला था पाकिस्तान
नूर खान एयरबेस पर अटैक के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने अपनी परमाणु नीति तय करने वाली National Command Authority की आपात बैठक बुलाई. यह वही संस्था है जो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का फैसला करती है. ऐसे में अमेरिका को डर सताने लगा कि अगर पाकिस्तान ने परमाणु हमला किया तो भारत इस बार चुप नहीं बैठेगा. अमेरिका ने बिना किसी देरी के दोनों देशों से बातचीत शुरू कर दी.
भारत ने नहीं की कोई कमिटमेंट
रिपोर्ट के अनुसार जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की, तो भारत ने किसी भी कमिटमेंट से इनकार कर दिया. इसके बाद अमेरिका के विदेश मंत्री मार्क रुबियो सक्रिय हुए और उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर से बात की. रुबियों ने मुनीर से काफी सख्त लहजे में निर्देश दिया, तभी जाकर सीज़फायर की बात बनी.
हालांकि भारत ने शुरुआत में संयम दिखाया, लेकिन पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में भारत ने ज़बरदस्त प्रतिकार किया. डॉगफाइट्स, मिसाइल हमले, और एयरबेस पर सीधा आक्रमण युद्ध का स्तर कई गुना बढ़ गया.
भारत ने चार दिन में में क्या क्या किया?
- प्रमुख आतंकी ठिकानों का सफाया
- 100 आतंकवादियों का खात्मा
- नूर खान सहित 11 एयरबेस तबाह
- पाकिस्तान में कोई भी इलाका भारत की मिसाइलों से सुरक्षित नहीं
इसी को पाकिस्तान ने अपनी बताई जीत
अभी जो हुआ है, उसे अमेरिका सीज़फायर, भारत सैन्य कार्रवाई की अस्थायी रोक, और पाकिस्तान अमेरिकी मध्यस्थता से मिली जीत बता रहा है. अब सवाल ये है कि क्या अमेरिका पाकिस्तान को बार-बार दुनिया को परमाणु युद्ध की कगार पर लाने देगा? क्या उसे परमाणु हथियार रखने की अनुमति होनी चाहिए? IMF लोन कैसे मंज़ूर हुआ? अमेरिका को अब पाकिस्तान के परमाणुकरण पर कड़ा रुख अपनाना होगा.
ये भी पढ़ें- लीजिए मिल गया पुलवामा आतंकी हमले का सबूत, पाकिस्तानी ऑफिसर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया बड़ा खुलासा