Pulwama Attack: पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान ने पहली बार अप्रत्याशित रूप से अपनी भूमिका को स्वीकार कर लिया है. पाकिस्तान एयरफोर्स के एयर वाइस मार्शल और DGPR, औरंगज़ेब अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2019 में हुए पुलवामा हमले में पाकिस्तानी सेनाओं ने “टैक्टिकल ब्रिलियंस” दिखाई थी. इस हमले में 40 भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हुए थे.
पाकिस्तान करता रहा है इनकार
यह बयान पाकिस्तान के अब तक के दावों के बिल्कुल उलट है, जहां वह लगातार पुलवामा हमले में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार करता रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में औरंगज़ेब अहमद के साथ DG ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और एक नौसेना प्रवक्ता भी मौजूद थे.
हमने पुलवामा ऐसे किया था अटैक
उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान की हवाई सीमा, ज़मीन, पानी या लोग खतरे में पड़ते हैं, तो समझौते का कोई सवाल ही नहीं उठता. हमें अपनी जनता से जो भरोसा और गर्व मिला है, उसे बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है. पुलवामा में हमने जो टैक्टिकल ब्रिलियंस दिखाई, वो उसी भावना का हिस्सा था.
भारत ने किया बर्बाद
बता दें कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी, जिसका मुख्यालय पाकिस्तान के बहावलपुर में था. जिसे भारत ने 7 मई को स्ट्राइक में बर्बाद कर दिया. भारत ने JeM और हमलावरों से जुड़े सबूतों की पूरी डोज़ियर पाकिस्तान को सौंपी थी, लेकिन इस्लामाबाद लगातार सबूतों की कमी का हवाला देकर इन आरोपों को खारिज करता रहा.
भारत ने किया था जवाबी कार्रवाई
भारत ने पुलवामा के जवाब में ऑपरेशन ‘बालाकोट’ चलाया था, जिसमें उसने JeM के एक प्रशिक्षण शिविर को हवाई हमले में तबाह किया. इसके अगले दिन पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को टारगेट किया, जिसमें भारतीय वायुसेना के मिग-21 बाइसन को मार गिराया गया और विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को बंदी बना लिया गया था. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को सुरक्षित भारत को सौंप दिया.
अब पहलगाम का सबूत मांग रहा है
अब इस हालिया बयान ने पाकिस्तान के पुराने दावों की पोल खोल दी है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी साख पर एक और सवाल खड़ा कर दिया है, खासकर ऐसे समय में जब वह भारत से पहलगाम हमले को लेकर सबूत मांग रहा था.
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