LLP कंपनियों के जुर्माना संबंधी प्रावधानों को लेकर आया बड़ा अपडेट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्णायक प्राधिकारी के द्वारा किसी LLP कंपनी, साझेदार या फिर किसी भी दूसरे व्यक्ति के ऊपर जुर्माना लगाने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
LLP, Limited Liability Partnership

LLP, Limited Liability Partnership( Photo Credit : NewsNation)

कंपनी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने सीमित दायित्व भागीदारी (Limited Liability Partnership-LLP) वाली कंपनियों से संबंधित नियमों में बदलाव करने के साथ ही जुर्माना लगाने के लिए एक प्रारूप को निर्धारित कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) के द्वारा एलएलपी अधिनियम के प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाने के लिए रजिस्ट्रार (Regirtrar) और उसके ऊपर के अधिकारियों को निर्णायक प्राधिकारी नियुक्त किया जा सकता है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: बप्पी लहरी अपने पीछे छोड़ गए हैं इतना सोना और दौलत

1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे नए नियम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्णायक प्राधिकारी के द्वारा किसी एलएलपी कंपनी, साझेदार या फिर किसी भी दूसरे व्यक्ति के ऊपर जुर्माना लगाने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा. सरकार के द्वारा जारी नए नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सलाहकार फर्म ईवाई के साझेदार (अनुपालन एवं गवर्नेंस) संपत राजगोपालन का कहना है कि सीमित दायित्व भागीदारी अधिनियम में किए गए बदलाव इस कानून को ज्यादा विश्वसनीय, आकर्षक और कारोबार के लिए बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

उनका कहना है कि इस कदम के बाद लोग अब एलएलपी को एक विकल्प के तौर पर देखने के लिए प्रोत्साहित होंगे. बता दें कि पिछले साल अगस्त में राज्यसभा ने सीमित देयता भागीदारी संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अभियान को तेज करने के साथ ही इस सेगमेंट के लिए अन्य बड़ी कंपनियों के समान नियम लाना था. लोकसभा ने इस विधेयक (बिल) को पहले मंजूरी दी थी. 2008 में एलएलपी कानून के लागू होने के बाद से यह पहला संशोधन था. नए संशोधित कानून ने एलएलपी के लिए 12 अपराधों को अपराध से मुक्त कर दिया है और पहले के कानूनों के तीन वर्गों को छोड़ दिया गया है.

यह भी पढ़ें: LIC के पॉलिसीधारक हैं तो तुरंत अपडेट करें PAN, वरना हो सकती है ये दिक्कत

एलएलपी के विकास का समर्थन करने के लिए छोटे एलएलपी की एक नई परिभाषा पेश की गई है, जिसने व्यक्तिगत या साझेदार योगदान स्तर को वर्तमान 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया था. साथ ही एलएलपी में होने वाले टर्नओवर की सीमा भी 40 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दी गई थी.

HIGHLIGHTS

  • सरकार के द्वारा जारी नए नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे
  • जुर्माना लगाने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा
LLP Companies Companies Act Modi Government सीमित दायित्व भागीदारी एलएलपी LLP central government Limited Liability Partnership
      
Advertisment