द्विपक्षीय व्यापार को ऐसे प्रभावित करेगा अफगानिस्तान संकट 

कैट के दिल्ली-एनसीआर संयोजक सुशील कुमार जैन ने बताया कि हाल ही में अफगानिस्तान में शासन के आगे बढ़ने के साथ काबुल और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा, क्योंकि अफगानिस्तान का भविष्य अनिश्चित है.

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Deepak Pandey
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Defence Ministry Of Afghanistan

द्विपक्षीय व्यापार को ऐसे प्रभावित करेगा अफगानिस्तान संकट ( Photo Credit : फाइल फोटो)

अफगानिस्तान संकट द्विपक्षीय व्यापार को बुरी तरह प्रभावित करेगा. व्यापारियों को भारी नुकसान की आशंका है. कैट के दिल्ली-एनसीआर संयोजक सुशील कुमार जैन ने बताया कि हाल ही में अफगानिस्तान में शासन के आगे बढ़ने के साथ काबुल और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा, क्योंकि अफगानिस्तान का भविष्य अनिश्चित है. आठ करोड़ व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत को अफगान निर्यात में सूखे किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट, पिस्ता, सूखे खुबानी और खुबानी, चेरी, तरबूज और औषधीय जड़ी-बूटियों जैसे ताजे फल शामिल हैं. अफगानिस्तान को भारत के निर्यात में चाय, कॉफी, काली मिर्च और कपास, खिलौने, जूते और विभिन्न अन्य उपभोग्य वस्तुएं शामिल हैं... 

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सुशील कुमार जैन ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 1.4 बिलियन अमेरिकी डालर था, जबकि 2019-20 में 1.52 बिलियन अमेरिकी डालर था. भारत से निर्यात 826 मिलियन अमेरिकी डालर था और आयात 2020-21 में 510 मिलियन अमेरिकी डालर था.

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिति की अनिश्चितता के कारण बाजारों में कीमतें बढ़ सकती हैं. एक और सवाल जिसमें लंबा समय लग सकता है, वह है तालिबान से आगे निकल जाना. वर्तमान में आयात निर्यात शिपमेंट फंसे हुए हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो सकता है.

उन्होंने घरेलू निर्यातकों को सतर्क रहने की सलाह दी और घटनाक्रम पर पैनी नजर रखी. बड़ी मात्रा में भुगतान अवरुद्ध होने की संभावना है, जो व्यापारियों को कमजोर स्थिति में डाल देगा. सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए और वित्तीय संकट का सामना करने की स्थिति में व्यापारियों की मदद करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि एक निश्चित समय के लिए व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा, क्योंकि अफगानिस्तान में स्थिति नियंत्रण से बाहर है. यह एक भूमि से घिरा देश है और हवाई मार्ग निर्यात का मुख्य माध्यम है और यह बाधित हो गया है. अनिश्चितता कम होने के बाद ही व्यापार फिर से शुरू होगा.

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उन्होंने कहा कि सबसे अधिक संभावना है, निजी खिलाड़ियों को अफगानिस्तान को निर्यात करने के लिए तीसरे देशों के माध्यम से सौदा करना होगा, लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि स्थिति कैसे होती है. भारत से निर्यात पूरी तरह से बंद हो जाएगा, क्योंकि अब समय पर भुगतान की समस्या होगी.

Source : News Nation Bureau

Amrullah Saleh afghanistan crisis CAIT Bilateral Trade
      
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