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यूक्रेन-रूस युद्ध से भारत में पड़ रही महंगाई की मार, ATF, स्टील समेत ये चीजें हुई महंगी

Russia-Ukraine War: स्टील की क़ीमतों में 25 फ़ीसदी का उछाल देखा जा रहा है इसकी दो वज़ह हैं पहला स्टील प्लांट को कोयला न मिल पाना और दूसरा यूक्रेन और रूस के युद्ध से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

Updated on: 05 Mar 2022, 08:26 AM

highlights

  • यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते क्रूड की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल के पार
  • ATF यानी एयर टरबाइन फ्यूल में 26 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है

नई दिल्ली:

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में रूस के अटैक के बाद न सिर्फ शेयर बाजार की हालत खस्ता है बल्कि इससे सबसे ज़्यादा असर एविएशन सेक्टर को पड़ता दिख रहा है. ATF यानी एयर टरबाइन फ्यूल में 26 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जिससे अब आम आदमी के लिए हवाई सफर महंगा होता जा रहा हैं जिसकी वजह से टिकटों के दाम 40 से 50 फ़ीसदी तक बढ़ा दिए गए हैं. बता दें कि दिल्ली से मुंबई जो पहले आम दिनों में 2,500-3,000 रुपये तक के किराये में हो जाता था, आज उसके लिए किराया 4,000 रुपये से 6,000 रुपये के बीच चल रहा है. कुछ यही हाल दूसरे रुट पर भी है दिल्ली से बंग्लुरू, दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से कोलकाता, दिल्ली से चेन्नई के किराये में बढ़ोतरी देखी जा रही है. 

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क्या है ATF और क्यों हुआ महंगा? 
किसी भी प्लेन में पड़ने वाले ईंधन को एयर टरबाइन फ्यूल कहते हैं ये फ्यूल आम पेट्रोल डीज़ल से महंगा होने के साथ काफी रिफाइंड होता है और इसकी क्षमता भी ज़्यादा होती है. यूक्रेन रूस युद्ध के दौरान क्रूड की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल को पार कर चुकी हैं जिसकी वजह से एयर टरबाइन फ्यूल की क़ीमत में इज़ाफ़ा हुआ है और इसका असर अब हवाई यात्रियों पर भी पड़ रहा है.

इतना महंगा हुआ एटीएफ

  • सिर्फ 15 से 20 दिन में एटीएफ 26 फीसदी महंगा हो गया है  
  • असर सीटों पर भी पड़ा है टिकटों की 80 से 90 फीसदी तक की बिक्री  

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स्टील की कीमतों में अचानक उछाल

स्टील की क़ीमतों में 25 फ़ीसदी का उछाल देखा जा रहा है इसकी दो वज़ह हैं पहला स्टील प्लांट को कोयला न मिल पाना और दूसरा यूक्रेन और रूस के युद्ध से जोड़कर भी देखा जा रहा है और साथ में डिमांड है लेकिन सप्लाई नहीं और उत्पादन भी कम हो रहा है ये बड़ी वजह हैं जिनसे कीमतें बढ़ रही हैं. स्टील की क़ीमतों में जो पहले 80,000 टन की थी उसमें अब 20 हज़ार का इज़ाफ़ा हुआ है इस समय 90 हज़ार से 1 लाख तक टन स्टील की क़ीमत हो चुकी है जिसका असर रियल एस्टेट सेक्टर से लेकर 
तमाम छोटे बड़े कारखानों पर पड़ रहा है.