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Undergarment ( Photo Credit : Social Media)
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Under wears Sales Slip: कई ब्रांडेड कंपनी के अंडरवियर्स की बिक्री में कमी देखी गई है. दिसंबर 2022 में समाप्त तिमाही में जॉकी और लक्स इंडस्ट्रीज की पैरेंट कंपनी पेज इंडस्ट्रीज की बिक्री में तिमाही आधार पर कमी देखने को मिली है. वहीं, रूपा ने अपने वॉल्य
Undergarment ( Photo Credit : Social Media)
Under wears Sales Slip: त्योहारों के सीजन में जहां लोग कपड़ों की खूब खरीदारी करते हैं तो इसके साथ नए अंडरवियर लेना भी जरूरी समझते हैं. लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. क्योंकि इस बार लोग कपड़े, जूते और ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसी चीजें तो खरीद रहे हैं लेकिन इनरवियर यानी अंडरवियर्स लेने में परहेज कर रहे हैं. जिसके चलते इनरवियर्स के बड़े ब्रांड्स जॉकी, रूपा और डॉलर जैसी कंपनियों की सेल काफी कम हो गई है.
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बताया जा रहा है कि त्योहारों के दौरान शॉपिंग में कपड़ों के साथ-साथ अन्य चीजों को बिक्री तो बढ़ी लेकिन इस बार अंडरवियर की बिक्री नहीं बढ़ी. अंडरवियर की सेल में ये कमी हर सेगमेंट में देखने को मिली. फिर चाहे वह बच्चे हों या महिला या फिर पुरुष. अंडरवियर्स की सेल न के बराबर रही है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर इस बार लोग अंडरवियर खरीद क्यों नहीं रहे.
जानिए क्या है अंडरवियर न खरीदने की वजह
दरअसल, अंडरवियर न खरीदने के पीछे की वजह महंगाई है. महंगाई के चलते ज्यादातर लोगों ने अपने खर्चों को कम करने के लिए अंडरवियर खरीदना बंद कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2022 की आखिरी तिमाही में अंडरवियर के इस्तेमाल में 55 फीसदी तक की कमी आ गई. वहीं वहीं वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में जॉकी का टोटल रेवेन्यू 28 प्रतिशत और वॉल्यूम वृद्धि 31 फीसदी रही. इस तिमाही के दौरान, मैक्रो प्रतिकूल परिस्थितियों और बाजार की स्थितियों ने कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जिसके चलते हर साल अंडरवियर्स की खरीद में मामूली गिरावट आई रही है. जो पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में रेवेन्यू में 7.5 फीसदी की गिरावट और क्वांटिटी में 11.5 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली.
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इसके अलावा अंडरवियर्स की सेल्स में गिरावट का ये भी कारण हो सकता है कि लोगों ने बढ़ती महंगाई से चलते पैसे बचाने के लिए अंडरवियर खरीदना बंद कर दिया हो. या फिर भारत में लोग ऑनलाइन शॉपिंग को ज्यादा विश्वास कर रहे हों क्योंकि यहां उन्हें शॉपिंग पर ज्यादा डिस्काउंट मिल रहा है. वहीं स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि मल्टी ब्रांड आउटलेट उतना स्टॉक नहीं खरीद रहे जितना वो पहले खरीदते थे. वहीं जो खरीद रहे हैं उसका भुगतान भी समय पर नहीं होकर रहे. जिका असर उत्पादकों की वर्किंग कैपिटल पर भी पड़ा है.
इन कंपनियों की सेल में आई कमी
कई ब्रांडेड कंपनी के अंडरवियर्स की बिक्री में कमी देखी गई है. दिसंबर 2022 में समाप्त तिमाही में जॉकी और लक्स इंडस्ट्रीज की पैरेंट कंपनी पेज इंडस्ट्रीज की बिक्री में तिमाही आधार पर कमी देखने को मिली है. वहीं, रूपा ने अपने वॉल्यूम में 52 फीसदी कमी की जानकारी दी है. जबकि पिछले डेढ़ साल में रूपा का शेयर 52 फीसदी से ज्यादा टूट गया है. वहीं पेज इंडस्ट्रीज के वॉल्यूम में 11 फीसदी की कमी आई हैं और इसके शेयर में भाव में पांच फीसदी की कटौती देखने को मिली है.
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आने वाले समय में हो सकती है चुनौती
ऐसा माना जा रहा है कि अगर आने वाले समय में भी अंडरवियर की बिक्री में कमी बनी रही तो ये इस बात के संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था डगमगा रही है. क्योंकि आम तौर पर जॉकी के अंडरवियर की बिक्री शहरी बाजारों में होती है. ऐसे में इस बाजार में जब की बिक्री कम होती है तो ये इस बात का संकेत होता है कि आने वाले समय में बाजार को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
इतना है भारत का इनरवियर का बाजार
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में इनरवियर का बाजार 5.8 बिलियन डॉलर का है जो भारतीय रुपयों में 48,123 करोड़ का होता है. इसमें पुरुषों का शेयर 39 फीसदी तो महिला इनरवीयर्स का शेयर 61 फीसदी है.
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HIGHLIGHTS
Source : News Nation Bureau