अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मध्य पूर्व दौरे पर तेल की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को तेजी आई।
बाइडेन को उम्मीद थी कि वो सऊदी अरब से तेल के उत्पादन को बढ़ाने का वादा हासिल कर लेंगे, जिससे वैश्विक आपूर्ति दबाव कम हो सकता है।
लेकिन सऊदी अरब के विदेश मंत्री, प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने उत्पादन में वृद्धि की अटकलों को खारिज कर दिया जिसके बाद सोमवार को ब्रेंट क्रूड 2.6 प्रतिशत बढ़कर 103.88 डॉलर हो गया। द गार्जियन ने ये जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि शनिवार को यूएस-अरब शिखर सम्मेलन में तेल पर चर्चा नहीं हुई और ओपेक प्लस तेल कार्टेल राष्ट्र बाजार की स्थितियों का आकलन करना जारी रखेंगे।
एवाट्रेड के मुख्य बाजार विश्लेषक नईम असलम ने कहा: संदेश यह है तेल की सप्लाई बढ़ाने का फैसला ओपेक प्लस लेता है और कार्टेल इस बात में दिलचस्पी नहीं रखता है कि बाइडेन क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे थे।
ओपेक प्लस तेल आपूर्ति को नियंत्रित करना जारी रखेगा, और केवल एक देश तेल आपूर्ति का निर्धारण नहीं कर सकता - कम से कम यही संदेश व्यापारियों ने बाइडेन की सऊदी अरब यात्रा से लिया है।
तेल की कीमतों में वृद्धि से उन पंपों पर दबाव बना रहेगा, जहां लोग पेट्रोल और डीजल की रिकॉर्ड कीमतों का सामना कर रहे हैं।
हालांकि, यूक्रेन में युद्ध के शुरूआती हफ्तों के दौरान लगभग 130 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर के बाद से ब्रेंट क्रूड की कीमतों में कमी आई है।
तेल की कीमतें पिछले हफ्ते लगातार पांचवें हफ्ते कम हुई हैं। द गार्जियन ने बताया कि वैश्विक मंदी की संभावना को लेकर चिंता ने निवेशकों को कमोडिटी बाजारों से पलायन कर दिया है।
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Source : IANS