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आम आदमी के आंसू निकाल रहा प्याज, लेकिन औने-पौने भाव में बिक रहा आलू

प्याज का खुदरा भाव देश के कई शहरों में करीब 60 रुपये प्रति किलो चल रहा है और थोक भाव 35 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो. वहीं, थोक मंडियों में आलू का भाव तीन रुपये प्रति किलो तक गिर गया है.

Updated on: 12 Feb 2021, 03:16 PM

highlights

  • देश के कई शहरों में प्याज का खुदरा भाव करीब 60 रुपये, थोक भाव 35-40 रुपये प्रति किलो
  • पिछले साल 12 फरवरी को आजादपुर मंडी में 10.75 रुपये प्रति किलो था आलू का मॉडल रेट 

नई दिल्ली :

प्याज (Onion Latest News) की फिर उपभोक्ता के आंसू निकाल रहा है. प्याज के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्याज का खुदरा भाव देश के कई शहरों में करीब 60 रुपये प्रति किलो चल रहा है और थोक भाव 35 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो. वहीं, थोक मंडियों में आलू का भाव तीन रुपये प्रति किलो तक गिर गया है, जिससे किसानों को औने पौने भाव में आलू बेचना पड़ रहा है, जिससे उनके लिए आलू की खेती की लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है. देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में शुक्रवार को आलू का थोक भाव तीन रुपये से आठ रुपये प्रति किलो था जबकि मंडी में आलू का मॉडल रेट 5.25 रुपये प्रति किलो था. पिछले साल के मुकाबले आलू का मॉडल रेट आधे से भी कम है. पिछले साल 12 फरवरी को आजादपुर मंडी में आलू का मॉडल रेट 10.75 रुपये प्रति किलो था.

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प्याज का थोक भाव 12.50 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो
वहीं, प्याज का थोक भाव 12.50 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो जबकि मॉडल रेट 29.25 रुपये प्रति किलो है. पिछले साल इसी तारीख को आजादपुर मंडी में प्याज का मॉडल रेट 17.75 रुपये प्रति किलो था. आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड अनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि किसानों के लिए आलू की खेती की लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है. आलू की कीमतों में गिरावट की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान आलू का भाव ऊंचा होने के कारण किसानों ने अच्छा दाम मिलने की उम्मीदों से इसकी खेती में दिलचस्पी दिखाई, लिहाजा आपूर्ति ज्यादा होने से भाव काफी गिर गया है. जानकार बताते हैं कि कोल्ड स्टोरेज में इस समय आलू नहीं जा रहा है, जिससे मंडियों में आवक ज्यादा है.

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वहीं, प्याज का दाम बढ़ने की वजह पूछने पर जानकार बताते हैं कि अगैती फसल काफी पहले ही बाजार में आ रही है जबकि सीजन के बीच की फसल आने में थोड़ा विलंब होने के चलते आपूर्ति कम पड़ गई थी. मालूम हो कि भारत प्याज का निर्यात भी व्यापक पैमाने पर करता है, लेकिन जानकार बताते हैं कि वैश्विक बाजार में भारतीय प्याज महंगा होने के कारण इस समय निर्यात नहीं हो रहा है. हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि भारत से आधे दाम पर पाकिस्तान प्याज बेच रहा है, ऐसे में देश से प्याज निर्यात की इस समय उम्मीद नहीं की जा सकती है. शाह ने बताया कि भारत से प्याज के निर्यात का भाव (एफओबी) करीब 700 डॉलर प्रति टन आता है जबकि पाकिस्तान महज 300 डॉलर प्रति टन पर निर्यात कर रहा है.

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देश में आलू की ज्यादा पैदावार को विदेशी बाजारों में खपाने की संभावनाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर शाह ने बताया कि पाकिस्तान आलू का भाव भी भारत के मुकाबले काफी नीचे है जबकि क्वालिटी बेहतर है. उन्होंने बताया कि भारत से आलू निर्यात का भाव (एफओबी) तकरीबन 300 डॉलर प्रति टन पड़ेगा जबकि पाकिस्तान के कराची में आलू का एफओबी करीब 250 डॉलर प्रति टन आ रहा है. बागवानी विशेषज्ञ बताते हैं कि आलू और प्याज की रबी फसल का ही भंडारण किया जाता है, इस समय जो फसल आ रही है उसका भंडारण नहीं होता है.