logo-image

सरकारी भाव पर चने की खरीदारी नहीं होने से आंदोलन के मूड में राजस्थान के किसान

नेशनल हाईवे आठ दिल्ली-मुंबई हाईवे पर जयपुर से 50 किलोमीटर पहले हाईवे पर ट्रेक्टर ट्रालियों की कतार है. करीब 2 किलोमीटीर लंबा ट्रेक्टर्स का जत्था, चने की बोरियों से लदी ट्रेक्टर की ट्रोलियां और हाईवे पर किसान जयपुर के दूदू से दिल्ली जा रहे हैं.

Updated on: 07 Jul 2020, 02:58 PM

जयपुर:

चने (Chana) की समर्थन मूल्य (Support Price) पर सरकारी खरीद (Government Procurement) न होने से नाराज किसानों ने ट्रैक्टर में चने लाद कर दिल्ली कूच कर दिया है. हालांकि जयपुर से पहले किसानों के ट्रैक्टर हाईवे पर पुलिस ने रोक दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है. अब किसानों ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि या तो चने की सरकारी खरीद करे, नहीं तो दिल्ली का रास्ता न रोके. राजस्थान में इस बार चने की बंपर पैदावार हुई, लेकिन सरकार ने 25 फीसदी चना ही समर्थन मूल्य पर खरीदारी की है.

यह भी पढ़ें: निजी यात्री परिवहन परिचालकों के संगठन ने सरकार से वाहन बीमा को लेकर की ये बड़ी मांग

सरकारी खरीद केंद्रों पर टोकन देने के बाजवूद नहीं खरीदा जा रहा चना: किसानों का आरोप
नेशनल हाईवे आठ दिल्ली-मुंबई हाईवे पर जयपुर से 50 किलोमीटर पहले हाईवे पर ट्रेक्टर ट्रालियों की कतार है. करीब दो किलोमीटीर लंबा ट्रेक्टर्स का जत्था, चने की बोरियों से लदी ट्रेक्टर की ट्रोलियां और हाईवे पर किसान जयपुर के दूदू से चना लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं. दिल्ली में ये किसान प्रदर्शन करेंगे लेकिन हाईवे पर आगे बढ़ने से रोक दिया. किसानों का आरोप है कि सरकारी खरीद केंद्रों पर टोकन देने के बाजवूद किसानों का चना नहीं खरीदा जा रहा है.

यह भी पढ़ें: गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए मोदी सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला

राजस्थान में इस बार 26.85 लाख टन चने की पैदावार
राजस्थान में इस बार 26.85 लाख टन चने की पैदावार हुई. सरकार ने 6.17 लाख टन चना समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा है. उसके बाद सरकार ने ये कहते हुए खरीद बंद कर दी कि नियमानुसार 25 फीसदी चना ही समर्थन मूल्य पर सरकार खरीद सकती है. किसाान मांग कर रहे हैं कि खरीद की सीमा 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी की जाए. किसानों का आरोप है कि 30 हजार किसान ऐसे है जिनका सरकारी खरीद के लिए पंजीकरण भी हो चुका है और टोकन दिया जा चुका बावजूद सरकार खरीद नहीं कर रही है. किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य की खरीद की दर 4,800 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि बाजार में करीब 1,200 से रुपये प्रति क्विंटल कम दाम रहे हैं. ऐसे में अगर सरकारी खरीद की सीमा नहीं बढ़ाई जाती है तो किसानों को 2070 करोड़ का घाटा हो सकता है.

यह भी पढ़ें: केनरा बैंक और बैंक आफ महाराष्ट्र के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, सस्ते हो गए लोन

कोरोना वायरस और अब टिड्डी से फसलों के नुकसान के बाद चने की फसल के उचित दाम नहीं मिलने से किसानों की मुश्किल बढ़ेगी. उधर राजस्थान सरकार ने कहा है कि खरीद केंद्र सरकार करती है. केंद्र सरकार ने 25 फीसदी खरीद का लक्ष्य तय कर रखा है. उतनी खरीद की जा चुकी है. अब केंद्र सरकार खरीद सीमा को बढ़ाए तब ही किसानों का चना खरीदा जा सकता है. हालाांकि 25 फीसदी के अलवा 15 फीसदी चना नियमानुसार राजस्थान सरकार भी खरीद सकती है लेकिन सरकार कमजोर आर्थिक हालात का हवाला दे रही है.