Union Budget 2025 : आम बजट में मिल सकती है इनकम टैक्स स्लैब में छूट, पढ़ें रिपोर्ट

Union Budget 2025 : एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट 2025 पेश करेंगी. आम बजट से देश के नौकरीपेशा को लोगों को काफी उम्मीदें हैं.

Union Budget 2025 : एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट 2025 पेश करेंगी. आम बजट से देश के नौकरीपेशा को लोगों को काफी उम्मीदें हैं.

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Mohit Sharma
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Union Budget 2025

Union Budget 2025 Photograph: (Union Budget 2025)

Union Budget 2025 : ग्लोबल फाइनेंसियल सर्विसेज कंपनी नोमुरा ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार आगामी 2025-26 के आम बजट में उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है. साथ ही इस नोमुरा द्वारा यह अनुमान भी लगाया गया कि बजट में सरकार द्वारा राजकोषीय समेकन और विकास का समर्थन करने वाले उपायों दोनों पर ध्यान केंद्रित करेगी. फाइनेंसियल सर्विसेज फर्म को उम्मीद है कि भारत वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पार कर जाएगा और घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि पहले के 4.9 प्रतिशत के पूर्वानुमान से थोड़ा कम है.

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पूंजीगत व्यय जीडीपी के 4.4 प्रतिशत पर रहेगा

यह बदलाव पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) खर्च में कमी के कारण हुआ है. वित्त वर्ष 2026 के लिए नोमुरा का अनुमान है कि पूंजीगत व्यय जीडीपी के 4.4 प्रतिशत पर रहेगा, जो भारत के मध्यम अवधि के लक्ष्यों के अनुरूप है. नोमुरा यह भी उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2026 में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में सालाना आधार पर 12.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी. नोमुरा ने सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि, बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा में विस्तार और रुपये को समर्थन देने के लिए पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाने की संभावना जताई है.

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सकल बाजार उधारी वित्त वर्ष 26 में मामूली वृद्धि होगी

इसके अलावा, वित्तीय फर्म ने कहा कि भारत की सकल बाजार उधारी वित्त वर्ष 26 में मामूली वृद्धि होगी और यह 14.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी, जो कि चालू वित्त वर्ष में 14 लाख करोड़ रुपये थी. वहीं, शुद्ध बाजार उधारी गिरकर 11.03 लाख करोड़ रुपये रह जाएगी, जो कि वित्त वर्ष 25 के मुकाबले 60,000 करोड़ रुपये कम है. इसके अतिरिक्त, नोमुरा का मानना है कि बजट में सरकार एक बैलेंस रुख अपनाएगी. इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को फरवरी में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट को कम करने में मदद मिलेगी.

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