Budget Prediction 2025 : मोदी सरकार देश का आम बजट पेश करने की तैयारी में है बजट ऐसे समय में वित्तमंत्री पेश करने जा रही है जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं और बिहार में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण कल लगातार 8वां बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी बनाएंगी.
महंगाई, बेरोजगारी और घटती खपत के बीच आम आदमी वित्त मंत्री से राहत की आस लगाए बैठा है. ऐसे में क्या आम जनता को इस बजट में मिलने वाला है, इसी पर सबकी निगाह टिकी हुई है. मोदी सरकार इस बार के बजट में शिक्षा और रोजगार और स्किल्ड और तकनीकी शिक्षा पर जोर देने की तैयारी में है.
शिक्षा बजट को बढ़ा सकती है मोदी सरकार
इस बारे में एजुकेशन सेक्टर के लीड ग्रुप के सीईओ सुमीत मेहता ने बताया कि ख़ास तौर पर शिक्षा को सस्ता करना और आखिरी तबके तक शिक्षा का पहुंचना बेहद ज़रूरी है. इसके लिए मोदी सरकार शिक्षा बजट को बढ़ा सकती है.साथ में जीएसटी काउन्सिल की बैठक में भी शिक्षा पर जीएसटी 18 फ़ीसदी से कम करने की उम्मीद है. यही नहीं, रूरल इलाकों में शिक्षा के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए स्कूलों के लिए राज्य सरकारों की मदद भी मुमकिन है.
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टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया जाए, ऐसी डिमांड
हालांकि, इस बजट से जनता सबसे ज़्यादा टैक्स में छूट की बात कर रही है जिसमें टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया जाए, ऐसी डिमांड है. बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण इस बार टैक्स में बदलाव करके जनता को राहत दे सकती हैं. टैक्स छूट की सीमा को 50 हज़ार से 80 हज़ार तक बढ़ाया जा सकता है.स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और रक्षा क्षेत्र में बजट अलोकेशन को 15 से 30 फ़ीसदी तक बढ़ाने की उम्मीद है. टैक्स बेस बढ़ाने पर केंद्र सरकार का फोकस है, इसके लिए कुछ नए टैक्स पर चर्चा संभव है. कॉर्पोरेटर टैक्स में बदलाव की उम्मीद कम है.
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स्किल सेंटर्स को बढ़ावा दिया जाएगा
ग्रोथ रेट प्रोजेक्शन कम होने के चलते कमाई के तरीकों और रोज़गारपरक बजट पेश करने की उम्मीद जताई जा रही है. स्किल सेंटर्स को बढ़ावा दिया जाएगा. आर्थिक सर्वे में इस बार ग्रोथ को 7 फ़ीसदी से कम अनुमानित किया गया है, जिसके 6.4 फ़ीसदी से 6.8 फ़ीसदी रहने की उम्मीद है.तो वहीं, जीएसटी कलेक्शन 11 फ़ीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में 2047 तक देश को विकसित देश की तरफ आगे बढ़ाना है तो 8 फीसदी ग्रोथ ज़रूरी है.
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(सैयद आमिर हुसैन की रिपोर्ट)