#Flashback: आॅस्कर की दहलीज पर दस्तक देने के वाली 'मदर इंडिया' इन कारणों से हुई थी बाहर
इस फिल्म ने ना केवल देश में, बल्कि विदेश में भी अपनी सफलता की नई इबारत लिखी।
नई दिल्ली:
बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी हैं, जो अपनी उम्दा कहानी, कसावट भरे दृश्यों और बेहतरीन पटकथा के जरिया सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो चुकी हैं। महबूब खान के निर्देशन में बनने वाली देश की सबसे बेहतरीन फिल्मों मे शुमार 'मदर इंडिया' इसका एकमात्र उदाहरण है। इस फिल्म ने ना केवल देश में, बल्कि विदेश में भी अपनी सफलता की नई इबारत लिखी।
25 अक्टूबर 1957 को रिलीज हुई 'मदर इंडिया' फिल्म को 57 साल हो गए हैं, लेकिन 6 दशक बाद भी उसमें कोई कमी नहीं दिखती। शानदार कहानी, बेहतरीन पटकथा, लाजवाब अभिनय और संगीत के दम पर ये फिल्म हर किसी को तो अपना दीवाना बनाने में कामयाब रही है, लेकिन इन सबके बावजूद वह ऑस्कर में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाई।
क्यों नहीं मिल पाया आॅस्कर
'मदर इंडिया' को विदेशी भाषा में बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म श्रेणी में भारत की ओर से भेजा गया। बीबीसी की रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म के तकनीकी पक्ष और पारिवारिक संवेदनाओं से तो चयनकर्ता काफी प्रभावित थे, लेकिन फिल्म के कुछ पहलुओं पर उन्होंने एतराज जताया।
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उनके अनुसार, मदर इंडिया में मुख्य भूमिका निभाने वाली नर्गिस ने पति के निधन और पलायन के बाद लाला द्वारा दिये गये शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर गलती की, जबकि सूदखोर महाजन उसके बच्चों का भी उत्तरदायित्व उठाना चाहता है।
दरअसल, चयनकर्ता को यह किसी ने स्पष्ट नहीं किया कि भारतीय नारी अपने अपनी संस्कृति को दरकिनार नहीं कर सकती है और वह अपने सिंदूर के प्रति कितनी अधिक समर्पित होती है।
सरहद पार अपने दमदार अभिनय का लोहा मनवाने वाले नरगिस, सुनील दत्त और बलराज साहनी, राजेन्द्र कुमार व अन्य कलाकारों ने साबित कर दिया कि भारतीय सिनेमा में फिल्में ना केवल दर्शकों के दिलों के राज करती हैं, बल्कि कई वर्षों तक उनकी धमक खत्म नहीं होती है।
मीडिया गलियारों में अकसर 'मदर इंडिया' के बॉक्स आॅफिस कलेक्शन और उसकी सबसे अधिक लागत को लेकर चर्चा होती रही है। उस दौर में मात्र यही एक ऐसी फिल्म थी, जिसे स्क्रीनिंग का मौका मिला।
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मदर इंडिया साल 1955 में यूपी में आई बाढ़ पर आधारित है। फिल्म में बाढ़ के सभी दृश्यों को तभी फिल्मा लिया गया था। बाकी की शूटिंग महाराष्ट्र के कुछ गांव और महबूब स्टूडियो में हु्ई थी।
फिल्म के संगीत में नौशाद ने पहली बार हॉलीवुड ऑरकेस्ट्रा का भी प्रयोग किया। बताया जाता है फिल्म को साइन करते वक्त नरगिस केवल 26 साल की थीं, लेकिन उन्होंने स्क्रीन पर बहुत ही शानदार तरीके से अपना रोल अदा किया था।
कहा जाता है कि 'मदर इंडिया' नरगिस द्वारा सुझाया गया नाम था। फिल्म में दिलीप कुमार को नरगिस के बेटे का रोल आॅफर किया गया था। लेकिन कहानी पसंद आने के बावजूद दिलीप साहब ने ये रोल करने से मना कर दिया था, उन्होंने अभी अभी नरगिस के साथ रोमांस किया है और दर्शक उन्हें बेटे के रोल में पचा नहीं पाएंगे।
इसके बाद फिल्म में सुनील दत्त को नरगिस का बेटा बनने का आॅफर मिला, तो वह बिना कुछ बोले ही इसके लिए राजी हो गए। फिल्म से पहले एक रेडियो स्टेशन पर काम करने वाले सुनील ने एक बार शूटिंग सेट पर आग लगने के दौरान नरगिस को बचाया था, जिसके बाद दोनों में प्यार हो गया और उन्होंने फिल्म के बीच में ही शादी कर ली। लेकिन मीडिया में ये इनकी शादी की खबरों को गुपचुप ही रखा गया।
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