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भीषण बाढ़ की चपेट में बिहार, 41 की मौत, 65 लाख आबादी प्रभावित

राज्य की प्रमुख नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर बताई जा रही है।

Updated on: 15 Aug 2017, 07:43 AM

नई दिल्ली:

नेपाल के तराई और बिहार के सीमांचल क्षेत्रों में सप्ताहभर से हो रही बारिश की वजह से बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है।

राज्य के 12 जिलों की 65 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 41 लोगों की मौत हो गई है। इधर, सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया और बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा की।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों के 84 प्रखंड के 65 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की चपेट में है। इस बीच अचानक आई बाढ़ की चपेट में आने से 41 लोगों की मौत हो गई है, इसमें सबसे अधिक 21 लोग अररिया में, सीतामढ़ी से छह, किशनगंज में पांच, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और दरभंगा में तीन-तीन व्यक्तियों की मौत हुई है।

पीएम मोदी ने दिया मदद का भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मदद का पूरा भरोसा दिया है। 

प्रधानमंत्री  कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी ने बिहार में आई बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की है। पीएम ने कहा, 'बिहार बाढ़ से प्रभावित लोगों के साथ मेरी संवेदना है। साथ ही पूरी स्थिति की निगरानी की जा रही है।'

पीएम मोदी ने बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए मदद का भरोसा दिया। पीएम मोदी ने कहा, 'एनडीआरएफ की टीम बिहार में राहत व बचाव कार्य चला रही है।'

राज्य की प्रमुख नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर बताई जा रही है। राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना की मदद मांगी है।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है। राज्य के विभिन्न जिलों के 40 प्रखंडों की लगभग 35 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बाढ़ के कारण कई प्रखंड़ों को सड़क सपंर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है।

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बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बताया कि कोसी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है, क्योंकि नेपाल के बराह क्षेत्र में कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्घि दर्ज की जा रही है। राज्य के अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति गंभीर है।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में लग गई हैं, जबकि एनडीआरएफ की टीम भी सोमवार को किसी भी समय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच जाएगी।

सेना के 80 जवान और अधिकारी भी रात को पटना के दानापुर से किशनगंज के लिए रवाना हो गए हैं। अधिकारी ने दावा किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं तथा स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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