सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक BS-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मार्च में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बड़ी संख्या में वाहनों की बिक्री पर भी कड़ी नाराजगी जताई है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अगले आदेश तक बीएस-4 (BS-IV) वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. उच्चतम न्यायालय ने मार्च में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बड़ी संख्या में वाहनों की बिक्री पर भी कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एक असामान्य संख्या में बीएस-4 वाहनों की बिक्री की गई थी. मामले की सुनवाई 13 अगस्त को होगी. उच्चतम न्यायालय ने फिलहाल भारत चरण-4 (बीएस-4) उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दी है.
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न्यायालय ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान बिके बीएस-4 वाहनों पर फैसले तक इनके पंजीकरण पर रोक रहेगी. इससे पहले शीर्ष अदालत ने अपने आदेश के उल्लंघन पर वाहन डीलर संघ से नाराजगी जताई. न्यायालय ने कहा कि ऐसे वाहन लॉकडाउन के दौरान मार्च के आखिरी सप्ताह और 31 मार्च के बाद भी बेचे गए. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संक्षिप्त सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर फैसले तक बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण पर रोक रहेगी. पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं. इससे पहले न्यायालय ने आठ जुलाई को 27 मार्च के अपने उस आदेश को वापस ले लिया था जिसमें कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के हटने के बाद दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में 10 दिन के लिए बीएस-4 वाहनों की बिक्री की अनुमति दी गई थी. बाद में इस राहत को वापस ले लिया गया था.
Supreme Court bars registration of BS-IV vehicles till further orders and expresses displeasure on the sale of large number of vehicles in March during lockdown; says an unusual number of BS-IV vehicles were sold during the lockdown. Matter to be heard on August 13. pic.twitter.com/y6WlvboPDq
— ANI (@ANI) July 31, 2020
मामले पर अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी
न्यायालय ने डीलरों को यह राहत इस तथ्य को ध्यान में रखकर दी थी कि मार्च, 2020 के बाद देश में इन वाहनों की बिक्री नहीं हो सकती. पीठ ने वाहन डीलर संघ को निर्देश दिया है कि वह मार्च के आखिरी सप्ताह में ऑनलाइन या प्रत्यक्ष तरीके से बेचे गए वाहनों का ब्योरा पेश करे. पीठ ने कहा कि वह लॉकडाउन की अवधि में बेचे गए और पंजीकृत हुए बीएस-4 वाहनों के ब्योरे की जांच करना चाहती है. पीठ ने डीलर संघ की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा कि आप गंभीर संकट में हैं. हम किसी के ऊपर अभियोजन की कार्रवाई करेंगे. पीठ ने विशेषरूप से 29, 30 और 31 मार्च को ऐसे वाहनों की बिक्री में वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि हम इन लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी. इससे पहले 24 जुलाई को न्यायालय ने वाहन डीलरों के मौखिक आग्रह पर आपत्ति जताई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि बीएस-4 वाहनों को विनिर्माता कंपनियों को लौटाने की अनुमति दी जाए, जिससे इनका निर्यात अन्य देशों को किया जा सके. डीलरों ने कहा था कि कुछ देशों में अब भी बीएस-4 वाहनों की बिक्री की अनुमति है.
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31 मार्च के बाद भी BS-4 गाड़ियों की बिक्री पर जताई थी नाराजगी
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 27 मार्च के उस आदेश को वापस ले लिया था जिसमें लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के बाद BS-4 वाहनों के बचे स्टॉक का 10 फीसदी तक बेचने की अनुमति दी थी. उच्चतम न्यायालय (SC) ने अपने आदेश के खिलाफ 31 मार्च के बाद भी BS-4 गाड़ियों की बिक्री पर नाराजगी जताई थी.
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