.

डोनाल्‍ड ट्रंप के अंतरराष्‍ट्रीय झूठ को अमेरिका के विदेश विभाग ने ही गलत बताया

डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा था- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कश्मीर मुद्दे पर मदद करने के लिए कहा है. ट्रम्प ने कहा कि वह मदद करने के लिए तैयार हैं, अगर दोनों देश राजी हों तो.

News Nation Bureau
| Edited By :
23 Jul 2019, 09:45:23 AM (IST)

highlights

  • ट्रंप ने कहा था- पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्‍यस्‍थता की बात कही थी
  • इमरान खान ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को सराहा

नई दिल्‍ली:

अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है. अमेरिकी विदेश विभाग का कहना था कि अगर दोनों देश वार्ता के लिए बैठते हैं तो हम स्‍वागत करेंगे. बयान में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ निरंतर कदम उठा रहा है, जिससे भारत के साथ वार्ता की पृष्‍ठभूमि तैयार होगी. इससे पहले पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ वार्ता करते हुए डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा था- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कश्मीर मुद्दे पर मदद करने के लिए कहा है. ट्रम्प ने कहा कि वह मदद करने के लिए तैयार हैं, अगर दोनों देश राजी हों तो.

यह भी पढ़ें : लोगों की हत्याओं से ज्यादा गाय की मौत को दी जा रही तवज्जो, मॉब लिंचिंग पर बोले नसीरुद्दीन शाह

ट्रम्प ने कहा, "मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ था और उन्होंने वास्तव में कहा था कि क्या आप मध्यस्थ बनना चाहेंगे? ओवल कार्यालय में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बैठक में डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा- अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं मध्यस्थ बनना पसंद करूंगा. डोनाल्‍ड ट्रंप के इस बयान का प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्‍वागत किया.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, कश्मीर दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है. भारत और पाकिस्‍तान के बीच बातचीत होती है तो अमेरिका इसका स्‍वागत करता है. भारत पहले से कहता रहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.

यह भी पढ़ें : तीन क्षुद्रग्रह तेजी से आ रहे हमारी ओर, पृथ्‍वी से टकराए तो विनाश का अंदाजा लगाना मुश्‍किल होगा

इमरान खान ने कहा- अगर अमेरिका सहमत होता है, तो एक अरब से अधिक लोगों की प्रार्थना उसके साथ होगी. उनके साथ सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद रहे.

जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के ठिकाने पर पाकिस्‍तानी आतंकवादियों के हमले के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं. भारत का स्‍पष्‍ट कहना है कि वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते.

यह भी पढ़ें : पूर्व CM अखिलेश यादव से वापस ली जाएगी Z+ सुरक्षा, मुलायम की रहेगी बरकरार, ये है कारण

इमरान खान से बातचीत में डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा था- "भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं. मुझे पता है कि पाकिस्‍तान और भारत के बीच अभी सब कुछ अच्‍छा नहीं चल रहा है. शायद हम हस्तक्षेप करने में मदद कर सकें और हमें जो करना है वह कर सकें. हम भारत और अफगानिस्तान दोनों के बारे में बात करेंगे.