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'भिखारी' पाकिस्तान को अब यूएई से मिली भीख, 20 करोड़ डॉलर दिए शहजादे ने

शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के पाकिस्तान दौरे के एक दिन बाद यूएई ने अपने 'कंगाल' मित्र को यह सौगात दी है.

News State | Edited By :
03 Jan 2020, 03:32:11 PM (IST)

highlights

  • यूएई फिर अपने परंपरागत मित्र पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया.
  • शहजादे शेख मोहम्मद ने केएफईडी से पाकिस्तान को 20 करोड़ डॉलर दिए.
  • पूंजी का उपयोग छोटे व्यवसायों को बढ़ाने और रोजगार सृजन में होगा.

नई दिल्ली:

संयुक्त अरब अमीरात एक बार फिर अपने परंपरागत मित्र पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है. शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के पाकिस्तान दौरे के एक दिन बाद यूएई ने अपने 'कंगाल' मित्र को यह सौगात दी है. इसके तहत पाकिस्तान को अपनी अधोसंरचना सुधारने के लिए 20 करोड़ डॉलर की सहायता दी गई है. यह राशि पाकिस्तान में छोटे एवं मझोले उद्यमों के विकास पर खर्च की जाएगी. प्रधानमंत्री इमरान खान के वित्त सलाहकार ने अबू धाबी की इस इमदाद की पुष्टि की है.

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छोटे व्यवसाय बढ़ाने और रोजगार सृजन में मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री के वित्त सलाहकार अब्दुल हफीज शेख ने गुरुवार को कहा, 'इस पूंजी का उपयोग छोटे व्यवसायों को बढ़ाने और रोजगार सृजन में किया जाएगा. यह सहायता दोनों देशों के बीच बढ़ती मैत्री और आर्थिक संबंधों का प्रमाण है.' पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की खबर के मुताबिक अल नाहयान ने उद्यम विकास खलीफा कोष (केएफईडी) से पाकिस्तान को 20 करोड़ डॉलर आवंटित करने का निर्देश दिया है. यह पाकिस्तान सरकार को स्थिर और संतुलित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा. यात्रा के दौरान प्रिंस नाहयान ने प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की और दोनों के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई.

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चौतरफा संकट से जूझ रहा पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान इस वक्त चौतरफा संकट से घिरा हुआ है. आंतरिक स्तर पर जहां पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा और आतंक के वित्त पोषण पर लगाम लगाने का भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव है, वहीं वाह्य स्तर पर पाकिस्तान के समक्ष कर्ज जाल से निकलना भारी चुनौती बना हुआ है. इस कड़ी में इमरान खान अपने मित्र चीन समेत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तक के सामने हाथ फैला चुके हैं. यह अलग बात है कि वह चुनाव कर्ज जाल के खिलाफ जीतकर आए थे. उनके राज में पाकिस्तान महंगाई समेत आतंरिक हिंसा से कराह रहा है.