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मोदी-ट्रंप की दोस्ती आई काम, ईरानी जनरल सुलेमानी को मार अमेरिका ने भारत का बदला लिया

भारत 2012 में दिल्ली में इजरायली राजदूत पर हुए आतंकी हमले के लिए ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड फोर्स को सीधे-सीधे जिम्मेदार नहीं ठहरा सका था. इसकी एक वजह पर्याप्त सबूतों का नहीं होना भी था

Updated on: 03 Jan 2020, 12:26 PM

highlights

  • फरवरी 2012 में इजरायली राजदूत के वाहन पर बम से हमला किया गया था.
  • हमले को ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) के सदस्यों ने अंजाम दिया था.
  • अमेरिकी हमले में मारे गए सुलेमानी इसी फोर्स की एलीट कमांड के सर्वेसर्वा थे.

नई दिल्ली:

मोदी है तो मुमकिन है. तेहरान के साथ भारत के कूटनीतिक संबंध गर्मजोशी भरे हैं. ऐसे में भारत 2012 में दिल्ली में इजरायली राजदूत पर हुए आतंकी हमले के लिए ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड फोर्स को सीधे-सीधे जिम्मेदार नहीं ठहरा सका था. इसकी एक वजह पर्याप्त सबूतों का नहीं होना भी था. हालांकि मीडिया में इसे खासी प्रमुखता दी गई थी कि इजरायली राजदूत पर हमले के पीछे अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी का ही हाथ है. अब कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमले में मारकर अमेरिका ने एक तरह से भारत का बदला ही लिया है.

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2012 में हुआ था इजरायली राजदूत के वाहन पर हमला
गौरतलब है कि फरवरी 2012 में इजरायली राजदूत के वाहन पर बम से हमला किया गया था. कूटनीतिक स्तर पर इस हमले से भारत के समक्ष कई पेचीदिगियां खड़ी हो गई थीं. इसकी एक बड़ी वजह ईरान और इजरायल के साथ भारत के बेहतर रिश्ते होना था. हालांकि दिल्ली पुलिस बम धमाके की जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि असफल हमले को ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) के सदस्यों ने अंजाम दिया था. भारत में इजरायली राजदूत पर असफल हमला ऐन दुनिया के अन्य हिस्सों में ईरान के शत्रु देशों के राजदूतों पर हुए हमले के साथ ही हुआ था. उस साल बैंकॉक, थाईलैंड, तिब्लिसी और जॉर्जिया में आईआरजीसी ने आतंकी हमलों को अंजाम दिया था.

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इस तरह भारत का बदला पूरा हुआ
ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर ईरान की अल-कुद्स फोर्स के सर्वेसर्वा कासिम सुलेमानी को मार गिराना एक तरह से भारत का ही बदला लेना है. पेंटागन के मुताबिक सुलेमानी अमेरिका और इराक के राजनयिकों पर हमला करने की योजनाएं बना रहा था. दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद ट्विटर पर अमेरिका का राष्ट्रध्वज पोस्ट किया. हालांकि ईरान ने इसे बचकाना हरकत करार दिया है. ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारिफ ने ये बात पेंटांगन के उस ट्वीट के बाद कही जिसमें पेंटांगन की तरफ से जनरल कासिम सुलेमानी की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि आगे के परिणामों के लिए वॉशिंगटन खुद ही जिम्मेदार होगा.