RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदुत्व पर पढ़ा इकबाल का शेर- 'कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी'

संघ कार्यालय अर्चना और कार्यक्रम स्थल पर पदाधिकारियों से अनौपचारिक चर्चा की और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.

संघ कार्यालय अर्चना और कार्यक्रम स्थल पर पदाधिकारियों से अनौपचारिक चर्चा की और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.

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yogesh bhadauriya
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Mohan Bhagwat( Photo Credit : News State)

आरएसएस (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत आज अपने पांच दिवसीय प्रवास पर गुरुवार सुबह इंदौर पहुंचे. यहां संघ कार्यालय अर्चना और कार्यक्रम स्थल पर पदाधिकारियों से अनौपचारिक चर्चा की और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. एक न्यास के लोकार्पण अवसर पर उन्होंने इकबाल का शेर 'कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी' पढ़ा. कहा-वह बात हमारा धर्म है. एकमात्र हिंदू समाज पांच हजार वर्ष पूर्व जैसा था, वैसे ही आज भी मूल्यों पर आधारित है. बैठक सीएए को लेकर जारी बवाल के बीच अहम मानी जा रही है.

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बैठक में संघ के 400 से अधिक पदाधिकारी शामिल होंगे. इसके पहले दो दिन वे पदाधिकारियों से विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे. शुक्रवार से तमाम मुद्दों पर औपचारिक बैठकों का दौर शुरू होगा. प्रवास का पहला दिन मेल-मुलाकात और अनौपचारिक चर्चाएं हुईं.

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जात-पांत में उलझ गए

संघ प्रमुख भागवत शाम छह बजे साउथ तुकोगंज स्थित नाथ मंदिर पहुंचे. यहां निजानंदी ताई भक्त निवास का लोकार्पण किया. यह धर्मशाला देश- विदेश से आने वाले नाथ संप्रदाय के भक्तों के ठहरने के लिए बनाई गई है. यहां उन्होंने कहा, जीवन श्रेष्ठ तभी है जब वह मूल्य आधारित और संस्कार देने वाला हो. मैं, मेरे और जग में समन्वय करेंगे तो सब ठीक रहेगा. हालांकि जो कहते थे कि सब ब्रह्म हैं, सभी में परमेश्वर है, उनमें से भी कुछ लाेग जात-पांत में उलझ गए हैं. जैसे आज भक्तनिवास का उद्घाटन हुआ. मैं कहूंगा कमाओ और समाज को भी दो डॉ. हेडगेवार ने किया वो धर्म था, खुद के लिए कुछ नहीं किया. शांतादेवी रामकृष्ण विजयवर्गीय न्यास का लोकार्पण करते हुए भागवत ने कहा, "इतिहास के उतार-चढ़ाव को पार कर समाज चलता है. धर्म मतलब संप्रदाय से नहीं है. बल्कि उन तत्वों से है, जिससे समाज जुड़ता है. बतादें संघ प्रमुख भागवत 5 जनवरी से होने जा रही अभा बैठक के लिए आए हैं. वहीं सीएए को लेकर जारी बवाल के बीच बैठक अहम मानी जा रही है.

Source : News State

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