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कंगाल पाकिस्‍तान : कोरोना के कहर (Corona Havoc) के बीच आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) और पीएम इमरान खान (PM Imran Khan) में ठनी

कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते पाकिस्‍तान (Pakistan) में हाहाकार मचा हुआ है. प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा (Army Chief Qamar Javed Bajwa) एक बार फिर आमने-सामने हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
18 Apr 2020, 12:32:15 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते पाकिस्‍तान (Pakistan) में हाहाकार मचा हुआ है. प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा (Army Chief Qamar Javed Bajwa) एक बार फिर आमने-सामने हैं. इमरान खान लॉकडाउन के खिलाफ हैं तो आर्मी चीफ बाजवा ने सड़कों पर सेना उतार दी है. हालत यह है कि पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारी नहीं हो रही है, बल्‍कि कोरोना से मरने वालों के लिए कब्र पहले खुदवाए जा रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि कई जगहों पर 50-100 एकड़ में नए कब्रिस्‍तान बनाए गए हैं और अब ये सभी कब्र मुर्दों से भर गए हैं.

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यूटयूब पर अपलोड किए गए कुछ वीडियो को देखें तो पाकिस्तान में एक महीने पहले सबसे बड़ा काम यह किया गया कि कोरोना से मरने वालों के लिए लाहौर, कराची, रावलपिंडी सहित कई स्थानों पर 50 से 100 एकड़ के कब्रिस्तान बनाये गये और आज ये सभी कब्रिस्तान मुर्दों से भर गये हैं. कब्रों पर कब्रें बनायी जा रहीं हैं. फिर भी जगह कम पड़ रही है.

लाचार और कोरोना पीड़ित पाकिस्तानी पन्नी के टेंटों और स्कूल भवनों में भूसे की तरह भर दिए गए हैं. यही इनके क्‍वारंटाइन सेंटर हैं. दूसरी ओर, राशन की दुकानों पर हजारों की भीड़ दिन-रात उमड़ रही है. लोग भूखों मर रहे हैं लेकिन हुक्‍मरान पर किसी बात का कोई असर नहीं हो रहा है. इमरान खान अपनी सत्‍ता बचाने तो बाजवा अपनी बॉसगीरी जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

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पाकिस्‍तान में भूख और लाचारी का मंजर किसी को भी द्रवित कर सकता है. भयानक आर्थिक और मेडिकल किल्लत झेल रहे पाकिस्तान को मदद देने से उसके मित्र चीन ने भी इनकार कर दिया है. वह न तो आर्थिक मदद दे रहा है, न ही मेडिकल मदद. पाकिस्तान की सड़कें और गलियां गंदगी से बजबजा रही हैं. चुनिंदा इलाकों में ही राशन आपूर्ति हो पा रही है. कहीं कोई बंदी नहीं लेकिन दुकानों में राशन-पानी ही नहीं तो कोई क्या बेचे, क्या खरीदे आवाम. सड़कों पर सेना बेमुरव्वती से लाठियों और बंदूकों के कुंदों का खुला अभ्यास कर रही हैं.