US सैन्य अफसर बोले- अफगानिस्तान में 2500 सैनिकों की तैनाती की जरूरत थी, लेकिन बाइडेन ने...
अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने को लेकर अमेरिका के शीर्ष सैन्य अफसर ने कांग्रेस (संसद) में पहली गवाही में 20 बरस की जंग को रणनीतिक विफलता बताया है.
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने को लेकर अमेरिका के शीर्ष सैन्य अफसर ने कांग्रेस (संसद) में पहली गवाही में 20 बरस की जंग को रणनीतिक विफलता बताया है. उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि तालिबानी कब्जे को रोकने के लिए अमेरिका को कुछ हजार सैनिक अफगानिस्तान पर तैनात रखने चाहिए थे. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को उन्होंने क्या सलाह दी थी? लेकिन कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति उनकी सलाह मानें ही. जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल मार्क मिली ने इसकी जानकारी देने से मना कर दिया है कि तब उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन को क्या सलाह दी थी जब वह अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने या न बुलाने पर विचार कर रहे थे.
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सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति से उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है कि काबुल में सरकार को गिरने और तालिबान के शासन को वापस आने से रोकने को अफगानिस्तान में कम से कम 2500 सैनिकों को तैनात रखने की जरूरत थी.
मार्क मिली ने उस युद्ध को रणनीतिक विफलता बताया, जिसमें 2461 अमेरिकी सैनिकों की जान गई है. 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान के कब्जे को लेकर उन्होंने कहा कि काबुल में दुश्मन का शासन है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका की सबसे बड़ी नाकामी शायद यह रही कि अफगानिस्तान के बलों को अमेरिकी सैनिकों और प्रौद्योगिकी पर अधिक निर्भर रखा गया.
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मध्य कमान के प्रमुख और अमेरिकी जंग के अंतिम महीनों की देखरेख करने वाले जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि मिली के मूल्यांकन से वह सहमत हैं. उन्होंने भी यह बताने से मना कर दिया कि उन्होंने बाइडन को क्या सलाह दी थी?