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भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने बनाया नया कीर्तिमान, 5 इंजन वाले वासुकी ट्रेन को पटरियों पर दौड़ाया

Indian Railway-IRCTC: रेलवे ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि भारतीय रेल द्वारा नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 295 वैगन और 5 इंजन वाली, 3.5 किलोमीटर लंबी वासुकी ट्रेन का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
06 Feb 2021, 01:29:16 PM (IST)

highlights

  • भारतीय रेलवे ने देश की सबसे लंबी ट्रेन वासुकी चलाकर नया कीर्तिमान बनाया
  • साढ़े तीन किलोमीटर लंबी वासुकी ट्रेन में 295 डिब्बे और पांच इंजन जुड़े हैं

नई दिल्ली :

Indian Railway-IRCTC: भारतीय रेलवे (Railway) ने अपने नाम एक और नया कीर्तिमान स्‍थापित कर लिया है. रेलवे ने देश की सबसे लंबी साढ़े तीन किलोमीटर लंबी वासुकी ट्रेन (Vasuki Train) को सफलतापूर्वक चलाया है. रेलवे ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि भारतीय रेल द्वारा नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 295 वैगन और 5 इंजन वाली, 3.5 किलोमीटर लंबी वासुकी ट्रेन का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया है. रेलवे ने आगे लिखा है कि कम समय, कम लागत, अधिक सुविधायें और बेहतर सुरक्षा के कारण भारतीय रेल देश में माल ढुलाई का पसंदीदा साधन बनती जा रही है. बता दें कि पिछले महीने यानि जनवरी में भी इस ट्रेन को पटरियों पर सफलतापूर्वक दौड़ाया गया था. उस समय पांचों इंजन को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल से जोड़ा गया, ताकि उनमें सामंजस्य बनी रहे और उनके साथ 295 डिब्बों को पटरी पर दौड़ाया जा सके.

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चार ट्रेनों को जोड़कर चलाई जा चुकी है सबसे लंबी ट्रेन शेषनाग

बता दें कि इसके पूर्व में भारतीय रेलवे ने देश की सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के 44 सेट के निर्माण का ठेका दिया है. वहीं वासुकी नाग नाम की सबसे लंबी मालगाड़ी चलाकर इतिहास रच दिया है. इसके पहले भारत में सबसे लंबी ट्रेन शेषनाग के नाम पर चलाई गई थी. चार ट्रेनों को जोड़कर इसे चलाया गया था. शेषनाग से पहले तीन ट्रेनों को जोड़कर अनाकोंडा ट्रेन चलाई गई थी और अब वासुकी नाग ट्रेन चली है. यह ट्रेन रायपुर रेल मंडल के भिलाई से विलासपुर रेलमंडल के कोरबा के लिए चली. बता दें कि मालगाड़ी के लिए अलग से बनी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर दावा किया जा रहा है कि उस पर डेढ़ किलोमीटर की ट्रेन चलेगी. जबकि रेलवे ने अब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी ट्रेन चलाकर इतिहास रच दिया है. इस तरह मालगाड़ी के परिचालन समय को कम करने, स्टाफ की बचत और ग्राहकों को तत्‍काल डिलीवरी देने के लिए बड़ी-बड़ी मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं. 

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रेलवे ने इसके पहले के ट्वीट में लिखा था कि इससे एक पाथ पर अधिक ट्रेनें चलाई जाने से मालढुलाई के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाते हुए कम समय में अधिक औद्योगिक उत्पादों को पहुंचाना सुनिश्चित हो रहा है. बता दें कि रेलवे के द्वारा खाली मालगाड़ी के डिब्बे को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए इस तरह की ट्रेनों को चलाया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मालगाड़ी के लिए अलग से बनी रेलवे ट्रैक को डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का नाम दिया गया है. बता दें कि इस ट्रेन को रायपुर रेल मंडल के भिलाई से बिलासपुर रेलमंडल के कोरबा के लिए चलाया जा रहा है.