अब उत्तराखंड कांग्रेस में मचा घमासान, हरीश रावत ने दिया बड़ा संकेत
पांच राज्यों ( uttarakhand assembly election ) में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है. पंजाब के बाद अब उत्तराखंड ( uttarakhand Congress ) में पार्टी विरोधी सुर उठने लगे हैं.
नई दिल्ली:
पंजाब के बाद अब उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान की स्थिति दिखाई दे रही है. यहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat Congress) नाराज हो गए हैं. रावत ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कांग्रेस संगठन पर सवाल उठाते हुए राजनीति छोड़ने के संकेत दिए हैं. हरीश रावत का पार्टी से रूठना ऐसे समय हो रहा है, जब राज्य में कुछ ही समय बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. हालांकि उनकी नाराजगी की कोई वजह अभी तक सामने नहीं आई है.
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उत्तराखंड कांग्रेस के नेता हरीश रावत ने कहा कि सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया है, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है. उन्होंने आगे लिखा कि है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है. हरीश रावत ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया है, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है: उत्तराखंड कांग्रेस के नेता हरीश रावत pic.twitter.com/6EpcVKi0MB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2021ये भी पढ़ें - क्या Omicron से क्रिसमस का जश्न होगा फीका? WHO की चेतावनी ने बढ़ाई चिंता
हालांकि कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इस बीच किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनका संकेत साफ है कि वो कांग्रेस संगठन से नाराज हैं. उन्होंने इशारे इशारे में यह भी कहा कि चुनावी अभियान में उनको जैसा काम करने की जरूरत है. लेकिन उनके हाथ बांध दिए गए हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह कौन से काम की बात कर रहे हैं.