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राहुल गांधी को नहीं मिली लखीमपुर जाने की इजाजत, आज हंगामा तय

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार से लखीमपुर जाने और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने की अनुमति मांगी थी, जिसे योगी सरकार ने खारिज कर दिया.

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06 Oct 2021, 06:53:13 AM (IST)

highlights

  • योगी सरकार को महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्र लिख मांगी थी अनुमति
  • योगी सरकार ने हंगामे की आशंका से नहीं दी इजाजत, धारा 144 का हवाला
  • कांग्रेस लखीमपुर हिंसा मसले पर सेंकना चाह रही है राजनीतिक रोटियां  

लखनऊ:

लखीमपुर (Lakhimpur) हिंसा की जांच के लिए एसआईटी (SIT) टीम के गठन और सीबीआई जांच की सिफारिश के बावजूद कांग्रेस (Congress)  समेत अन्य विपक्षी दल योगी सरकार से टकराव के रास्ते पर हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) पहले ही गिरफ्तार हो चुकी हैं, तो इस मसले पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार से लखीमपुर जाने और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने की अनुमति मांगी थी, जिसे योगी सरकार ने खारिज कर दिया. साथ ही धारा 144 को भी कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं. जाहिर है राहुल गांधी के बुधवार को लखनऊ पहुंचने पर हंगामा तय है. 

राहुल गांधी के साथ होंगे दो कांग्रेसी सीएम
गौरतलब है कि किसान नेताओं संग समझौता हो जाने और पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश के बावजूद लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी बुधवार को लखनऊ पहुंचेंगे. सूत्रों के मुताबिक दोपहर 12:30 बजे राहुल गांधी लखनऊ पंहुचेंगे. राहुल प्रियंका से मिलने सीतापुर और पीड़ित किसानों से मिलने लखीमपुर भी जाएंगे. राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट, चरणजीत चन्नी, भूपेश बघेल, केसी वेणुगोपाल भी होंगे. हालांकि योगी सरकार ने राहुल गांधी के दौरे को अनुमति नहीं दी है.

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केसी वेणुगोपाल ने योगी सरकार को चिट्ठी लिख मांगी थी अनुमति
बताते हैं कि कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख राहुल गांधी समेत पांच नेताओं के लखीमपुर जाने की अनुमति मांगी थी. वेणुगोपाल ने चिट्ठी में य़ह भी पूछा कि बाकी पार्टी नेताओं को जाने दिया गया, लेकिन प्रियंका गांधी को हिरासत में रखा गया है. वेणुगोपाल ने यह भी तर्क दिया है कि जैसे बाकी नेताओं को लखीमपुर जाने दिया गया, उसी तरह राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को भी जाने दीजिए. हालांकि योगी सरकार ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को अनुमति देने से इंकार कर दिया. साथ ही धारा-144 लागू को कड़ाई से लागू करने के निर्देश भी दिए. विगत 3 अक्टूबर से लखीमपुर में धारा 144 लागू है. 

कांग्रेस बना रही राजनीतिक मुद्दा
इस बीच लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए मंगलवार को एसआईटी का गठन कर दिया गया है. 6 सदस्यीय एसआईटी लखीमपुर कांड की जांच करेगी. आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. आशीष मिश्रा को नामजद आरोपी बनाया गया है. आशीष मिश्रा, बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे हैं. साथ ही लखीमपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलने पर आमादा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ्तार कर केस दर्ज कर लिया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रियंका गांधी को सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में गिरफ्तार कर रखा गया गया है. प्रियंका की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस समर्थकों ने पीएसी कैंपस के सामने कैंडल मार्च निकाला है. कांग्रेस लगातार दूसरे दिन कैंडल मार्च निकाल रही है.

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नवजोत सिंह सिद्धू ने भी दी लखनऊ मार्च की धमकी
इस बीच पंजाब कांग्रेस में कलह का कारण बने नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल से बीजेपी सरकार को खुली चुनौती दी है. उन्होंने लिखा है कि अगर बुधवार तक किसानों की बर्बर हत्या में शामिल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया और उनकी नेता प्रियंका गांधी को नहीं छोड़ा गया, तो पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी के लिए मार्च करेगी. गौरतलब है कि लखीमपुर जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध पर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी.