logo-image

लखीमपुर कांड पर बोले शरद पवार- लोकतंत्र में आपको शांति से बोलने का अधिकार, लेकिन...

इस मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने केंद्र और योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लखीमपुर खीरी में जमा हुए किसान भी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे.

Updated on: 05 Oct 2021, 04:51 PM

highlights

  • लखीमपुर कांड को लेकर विपक्ष राजनीतिक रोटियां सेकने के प्रयास में जुटा
  • एनसीपी के प्रमुख ने मोदी और योगी सरकार पर निशाना साधा
  • सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज को जांच की जिम्मेदारी देनी चाहिए

नई दिल्ली:

Lakhimpur Kheri violence : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई हिंसक झड़प से 9 लोगों की मौत हो गई है. लखीमपुर खीरी कांड को लेकर विपक्ष राजनीतिक रोटियां सेकने के प्रयास में जुटा है. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने मोदी और योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लखीमपुर खीरी में जमा हुए किसान भी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे. हालांकि, वे एक वाहन की चपेट में आ गए, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई. मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं.

यह भी पढ़ें : दक्षिण कोरिया में 10 में से 9 वयस्कों को वैक्सीन की मिली पहली खुराक

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि अपनी मांगों के लिए किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे है. आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है. हालांकि, 26 जनवरी को उन पर हमला किया गया जिसकी प्रतिक्रिया पूरे देश में फैल गई. लोकतंत्र में आपको शांति से बोलने का अधिकार है. लखीमपुर खीरी मामले की जांच होनी चाहिए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज को जांच की जिम्मेदारी देनी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. 

यह भी पढ़ें : क्रूज़ पार्टी को लेकर मुंबई पुलिस ने कही ये बात, बढ़ सकती हैं आर्यन की मुश्किलें

उन्होंने आगे कहा कि आज नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की कड़ी आलोचना की. इस मामले पर न तो केंद्र और न ही उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की है. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दुर्घटना के बारे में संवेदनहीनता दिखाई है. शरद पवार ने कहा कि किसानों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. जनता इसका जवाब जरूर देगी.