.

UP विधानसभा का मानसून सत्र बृहस्पतिवार से, विधायकों की हो रही जांच

उत्तरप्रदेश विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा . सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले सोमवार को विशेष जांच अभियान में सचिवालय के बीस कर्मचारी कोविड-19 संक्रमित पाये गये. पिछले दो सप्ताह में कोविड-19 की चपेट में आकर मंत्री कमल रानी

Bhasha
| Edited By :
19 Aug 2020, 03:39:09 PM (IST)

लखनऊ:

उत्तरप्रदेश (Uttar pradesh) विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा . सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले सोमवार को विशेष जांच अभियान में सचिवालय के बीस कर्मचारी कोविड-19 संक्रमित पाये गये. पिछले दो सप्ताह में कोविड-19 (Covid 19) की चपेट में आकर मंत्री कमल रानी वरूण और चेतन चौहान की मौत हो चुकी है. गाजियाबाद से विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अतुल गर्ग भी मंगलवार को कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. उन्हें गाजियाबाद में भर्ती कराया गया है. गर्ग को गाजियाबाद के कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जाती है.

यह भी पढ़ें- प्रकाश जावड़ेकर का बड़ा ऐलान, अब युवाओं को देनी होगी केवल एक परीक्षा

विधानसभा में कैंटीन जलपान गृह नहीं खुलेगा

विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा और सोमवार को समाप्त होगा. विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि कोविड-19 जांच की सुविधा विधायकों के निवास के पास करवा दी गयी है ताकि उनकी जांच एक दिन में ही हो सकें. विधायकों के बैठने की व्यवस्था के बारे में बताते हुये दीक्षित ने बताया कि विधायक एक सीट छोड़ कर बैठेंगे. दर्शक दीर्घा भी इस बार विधायकों के लिये आरक्षित होगी. इस बार विधानसभा में कैंटीन जलपान गृह भी नहीं खुलेगा.

यह भी पढ़ें- पुलिस ने फर्जी सब इंस्पेक्टर को किया गिरफ्तार, SP के नाम से करता था वसूली

सभी विधायक मास्क पहनेंगे

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 403 सदस्यीय विधानसभा में आने वाले सभी सदस्यों की थर्मल स्कैनिंग से जांच की जाएगी. इसके अलावा सभी विधायक मास्क भी पहनेंगे . अगर विधायक मास्क नही पहन कर आयेंगे तो उन्हें उपलब्ध कराये जायेंगे. इसी के साथ विधायकों से अनुरोध किया गया है कि सत्र के दिनों में वह अपने साथ सहवर्ती न लायें. उन्होंने कहा कि सभी पूर्व विधायको से अनुरोध किया गया है कि वह सत्र के दौरान विधानसभा न आयें.