कुपोषण से हुई मौतों पर योगी सरकार को नोटिस, एनएचआरसी ने मांगा जवाब
एनएचआरसी ने रपट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से चार हफ्तों में इस बाबत जवाब दाखिल करने को कहा है.
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने राज्य में कथित तौर पर कुपोषण से हुई मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार को नोटिस जारी किया है. एक रपट के अनुसार, बस्ती के एक गांव में रहने वाले एक परिवार के चार सदस्यों की पिछले छह वर्षो में कथित तौर पर कुपोषण के कारण मौत हुई है. एनएचआरसी ने रपट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से चार हफ्तों में इस बाबत जवाब दाखिल करने को कहा है.
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आयोग ने साथ ही बस्ती में सामाजिक कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन पर भी एक रपट मांगी है. इसमें उस परिवार के बारे में विवरण दिया गया है, जहां कथित कुपोषण से मौतें हुई हैं. बस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जे.पी. त्रिपाठी ने कहा, 'कुपोषण के कारण आठ महीने पहले हरीश चंद्र पांडे की पत्नी की कथित तौर पर मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने हमें बताया कि हाल के वर्षों में हरीश चंद्र की तीन बेटियों की भी कुपोषण के चलते मौते हुई हैं.'
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हरीश चंद्र बस्ती के ओझागंज गांव के कप्तानगंज ब्लॉक के मूल निवासी हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा, 'हरीश चंद्र की चार साल की बेटी वंध्यवासिनी गंभीर रूप से बीमार हैं और उसका इलाज चल रहा है. वह एक न्यूरोलॉजिकल विकार से पीड़ित है. हालांकि, अब तक कुपोषण का कोई संकेत नहीं है. बेटी के अलावा हरीश परिवार के एक मात्र जीवित सदस्य हैं.' उन्होंने कहा की बच्ची के टेस्ट कराए गए हैं और उसकी रिपोर्ट्स का इंतजार है.