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लखीमपुर की झील में दरारें, नेपाल ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को दी सूचना

नेपाल द्वारा भेजी गई सूचना में कहा गया है कि उनकी एक झील में मरम्मत का काम चल रहा है, जिसमें दरारें आ गई हैं और इसके चलते नेपाल में महाकाली (Mahakali) के नाम से जानी जाने वाली शारदा नदी (Sharda River) में उफान आने की भी संभावना है

News Nation Bureau
| Edited By :
09 Feb 2021, 03:11:13 PM (IST)

highlights

  • नेपाल ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को भेजी सूचना
  • लखीमपुर खेरी में मौजूद झील में दरार
  • उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे से नहीं कोई संबंध

लखीमपुर:

नेपाल (Nepal) के कंचनपुर जिले (Kanchanpur District) में अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के जिला प्रशासन (District Administration) को एक सूचना भेजी है. नेपाल द्वारा भेजी गई सूचना में कहा गया है कि उनकी एक झील में मरम्मत का काम चल रहा है, जिसमें दरारें आ गई हैं और इसके चलते नेपाल में महाकाली (Mahakali) के नाम से जानी जाने वाली शारदा नदी (Sharda River) में उफान आने की भी संभावना है. इस अलर्ट में आगे कहा गया, धारचूला में नदी के पास स्थित झील के चारों ओर का कॉन्क्रीट कमजोर पड़ गया है और इस पर अभी मरम्मत का काम चल रहा है.

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हालांकि, लखीमपुर खीरी के अधिकारियों ने कहा है कि उत्तराखंड (Uttarakhand) में ग्लेशियर (Glacier) के फटने का झील की दरारों से कोई सीधा वास्ता नहीं है और चिंता की भी कोई बात नहीं है. इस बीच, लखीमपुर खीरी (Lakhnipur Kheri) और पीलीभीत (Pilibhit) में शारदा नदी के पास स्थित 50 से अधिक गांवों के निवासियों को सतर्क कर दिया गया है. अधिकारियों ने कहा, "जिला प्रशासन द्वारा जल स्तर की निगरानी की जा रही है और वे बनबसा बैराज के कर्मचारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. जरूरत पड़ने पर गांवों को खाली कराया जा सकता है."

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लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह (Shailendra Singh) ने कहा, "घबराने की कोई बात नहीं है. यहां के एक बांध पर थोड़ी दरारें थीं और हमने इसे लेकर सतर्कता बरती. जांच के बाद अब हम लगातार नदी में जल स्तर की निगरानी कर रहे हैं और बैराज के अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं. फिलहाल तक तो किसी बड़ी लीक के होने की संभावना नहीं है क्योंकि दरारों के ठीक होने की उम्मीद है. किसी भी प्रतिकूल मामले की स्थिति में हमारे पास गांवों को खाली कराने के लिए पर्याप्त समय है."

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बताते चलें कि रविवार को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद भारी तबाही आ गई थी. उत्तराखंड में आई इस आपदा में अभी तक करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 के आसपास लोग अभी भी लापता हैं.