बीजेपी मंडल अध्यक्ष ने टोल मांगने पर टोलकर्मी को पीटा, VIDEO वायरल
प्रधानमंत्री मोदी भले ही अपने सांसदों, नेताओं और विधायकों को लगातार VIP कल्चर से दूर रहने की नसीहत दें. लेकिन बीजेपी के नेता लगातार उनकी बातों को अनसुना करते रहते हैं.
highlights
- बीजेपी मंडल अध्यक्ष से टोल मांगने पर हुई पिटाई
- पिटाई के कारण टोलकर्मी हुई बुरी तरह घायल
- पीएम मोदी कई बार कह चुके हैं वीआईपी कल्चर त्यागने की बात
नोएडा:
प्रधानमंत्री मोदी भले ही अपने सांसदों, नेताओं और विधायकों को लगातार VIP कल्चर से दूर रहने की नसीहत दें. लेकिन बीजेपी के नेता लगातार उनकी बातों को अनसुना करते रहते हैं. उत्तर प्रदेश में सत्ता के नशे में चूर बीजेपी नेता की गुंडई का वीडियो सामने आया है.
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ग्रेटर नोएडा बीजेपी मंडल अध्यक्ष की दबंगई टोल नाके पर देखने को मिली है. जहां मंडल अध्यक्ष संजीव शर्मा ने टोल मांगने पर एक टोल कर्मी को पीट दिया. जेवर से नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे पर चढ़ते वक्त मंडल अध्यक्ष इस बात से खफा हो गए कि उनसे टोल टैक्स मांग लिया गया है.
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टोल टैक्स मांगने पर बीजेपी मंडल अध्यक्ष अपनी महंगी गाड़ी से उतरकर अपने समर्थकों के साथ टोल मांगने वाले को बूथ में घुस कर पीटा. पूरी वारदात सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई. पिटाई के कारण टोलकर्मी की हालत खराब है. वह बुरी तरह घायल हो गया.
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जिस समय यह वारदात हुई उस समय बीजेपी के जिलाध्यक्ष भी गाड़ी में मौजूद थे. टोल नाकों पर राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के जज, सुप्रीम कोर्ट के जज समेत तमाम पदों के लोगों से टोल नहीं लिया जाता. शायद सत्ता आने के बाद पार्टी के ये कार्यकर्ता खुद को भी इन्हीं में से कुछ समझने लगते हैं.
बीजेपी सांसद के समर्थकों ने की थी मारपीट
कुछ दिन पहले इटावा से बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) के समर्थकों पर टोल नाके पर मारपीट का आरोप लगा था. जानकारी के मुताबिक आगरा (Agra) इनर रिंग रोड स्थित रहनकला टोल पर मारपीट हुई थी.
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मारपीट इस कारण हुई थी क्योंकि टोलकर्मी ने रामशंकर कठेरिया से टोल मांग लिया था. सांसद के साथ तीन गाड़ियां थीं. एक स्कॉर्ट और दो अन्य गाड़ी थी. गाड़ी को एक के बाद एक निकालने पर विवाद शुरू हुआ. टोलकर्मियों ने जब इसका विरोध किया तो सांसद के समर्थकों ने 2 राउंड फायरिंग की.
मारपीट में 4 टोलकर्मी और बाउंसर घायल हुए हैं. मीडिया में बात आने पर सांसद के गार्डों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन पीड़ित टोलकर्मी ने आरोप लगाया था कि उसे केस वापस लेने की धमकी मिल रही है.