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महिला सुरक्षा और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर BJP ने महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर दिया धरना

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सुरक्षा और मराठा आरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर धरना दिया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Dec 2020, 12:36:23 PM (IST)

मुंबई:

महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हंगामा मचा हुआ है. आज भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सुरक्षा और मराठा आरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्य विधानसभा के बाहर धरना दिया है. इस दौरान बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शक्ति अधिनियम को लेकर भी सरकार पर हमला बोला है और मांग की कम समय होने की वजह से इस बिल को अगले सत्र में ले जाना चाहिए.

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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शक्ति अधिनियम महत्वपूर्ण है और यदि इसे जल्दबाजी में पारित किया जाता है, तो यह प्रभावी नहीं होगा. साथ ही बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार ने कभी हमसे इस बारे में बात नहीं की. उन्होंने मांग की है कि आज कम समय होने पर इस बिल को अगले सत्र में ले जाना चाहिए.

Shakti Act is crucial and if it is passed in a hurry, it won't be effective. The government never talked to us about it. It should take this bill to the next session if there is less time today: BJP leader and former Maharashtra CM Devendra Fadnavis https://t.co/mFhGKQStMh pic.twitter.com/zU4RFf1QLK

— ANI (@ANI) December 15, 2020

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार 'शक्ति' बिल लेकर आई है. इसमें दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं. प्रस्तावित कानून को राज्य में लागू करने के लिए विधेयक के मसौदे में भादंसं, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव है.

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सोमवार को शुरू हुए महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से 'शक्ति' बिल को पेश किया गया. गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के भीतर सुनवाई का प्रावधान है. हालांकि बीजेपी पहले ही शीतकालीन सत्र की अवधि कम होने पर हंगामा कर रही है, अब शक्ति बिल को पारित किए जाने के विरोध विपक्ष पार्टी कर रही है.