ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मामले में नया मोड़, जबलपुर हाईकोर्ट ने आवेदनकर्ता ने दिया ऐसा तर्क
मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण के मामले पर एक नया मोड़ आ गया है.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. जबलपुर हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं में ओबीसी संगठन की ओर से एक आवेदन दिया गया है. जिसमें यह तर्क दिया गया है कि मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी को जो 27 फीसदी आरक्षण दिया है, वह नियम अनुसार ही है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की सीमा को घटाया बढ़ाया जा सकता है.
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हाईकोर्ट ने इस तर्क को सुनने के बाद आवेदन को स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ लगी तमाम याचिकाओं को लिंक करते हुए सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करने के आदेश दिए हैं. साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को याचिकाओं में संशोधन करने के भी निर्देश दिए हैं.
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दरअसल, मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव जब मध्य प्रदेश सरकार की ओर से लाया था, तब हाईकोर्ट में इसके खिलाफ कुल 4 याचिकाएं दायर की गई हैं. लेकिन अब यह प्रस्ताव अधिनियम में बदल गया है. लिहाजा हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं. इन सभी याचिकाओं में अब 21 अगस्त को सुनवाई होगी. वहीं अब तक सरकार ने इन सभी याचिकाओं पर जवाब पेश नहीं किया है. अब यह देखना होगा कि 21 अगस्त को सरकार आरक्षण के मुद्दे पर अपना जवाब पेश करती है.
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